बीएमसी चुनाव नतीजों के जारी होने के एक दिन बाद 3 निर्दलीय पार्षदों ने शिवसेना का हाथ थाम लिया है. पार्टी आंकड़ा 87 पहुंचते ही शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के चुनावी दावों को नयी दिशा मिली है. बहुमत का आंकड़ा शिवसेना को दिल्ली दूर है का सन्देश दे रहा है.
शिवसेना और कांग्रेस का गठबंधन
- तीनों निर्दलीय पार्षद पार्टी से बगावत कर चुंनाव लड़ने उतरे थे.
- इन तीनों का शिवसेना में शामिल होना भाजपा-शिवसेना के गठबंधन पर सवाल खड़ा कर रहा है.
- शिवसेना को इसके बावजूद 114 का आंकडा दूर नजर आ रहा है.
- जब उद्धव ठाकरे से गठबंधन पर सवाल किया गया तो
- उन्होंने इस बारे में विचार ना किये जाने की बाट कही.
- उन्होंने कहा पार्टी अभी जीत का जशन बनाने में व्यस्त है.
कांग्रेस का समर्थन शिवसेना को
- भाजपा का गठबंधन शिवसेना से ना होते देख कांग्रेस राजनितिक दांव खेल सकती है.
- कांग्रेस शिवसेना को समर्थन दे सकती है.इसकी पेशकश कांग्रेस द्वारा की गयी है.
- केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस पक्ष में बयान दिया गया है.
- उन्होंने कहा भाजपा के साथ गठबंधन के अलावा शिवसेना के पास कोई विकल्प नहीं है.
- देवेंद्र फडणवीस और उद्धव ठाकरे का इसपर अंतिम निर्णय होगा.
- शिवसेना ने भाजपा पर चुनाव में षड्यंत्र करने का आरोप लगाया है.
- भाजपा पर चुनावी लिस्ट से कई लोगों का नाम गायब करने का आरोप लगाया जा रहा है.
UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें