अंग्रेजी महीने का नया साल 2018 शुरू होने के बाद माघ महीने की पूर्णिमा यानी आज बुधवार 31 जनवरी को चंद्र ग्रहण हो रहा है. यह इस साल पहला चंद्रग्रहण है. जब चंद्र ग्रहण लगता है तब देवी-देवताओं का दर्शन करना अशुभ माना जाता है. ऐसे में इस दिन मंदिरों के कपाट बंद रहते हैं और किसी भी तरह की पूजा का विधान नहीं किया जाता है. इसके अलावा इस दिन गर्भवती स्त्रियों, वृद्धों को दवा आदि देना भी वर्जित माना जाता है.
चन्द्रग्रहण का भूकम्प से संबंध:
ज्योतिष के अनुसार, चन्द्र ग्रहण या सूर्य ग्रहण का सीधा संबंध प्राकृतिक आपदा से होता है, समुद्री तूफान या भूकंप इसी के परिणाम बताये जाते हैं. ऐसे में ये माना जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर सहित कई इलाकों में आये भूकंप का चन्द्र ग्रहण का दुष्प्रभाव माना जा रहा है. हालाँकि इस भूकंप के कारण किसी प्रकार के जान-माल के नुकसान की कोई सूचना नहीं है. विज्ञान के अनुसार, भूकंप टेक्टोनिक प्लेटों के आपस में टकराने के कारण आते हैं और भूकंप से ही सुनामी का जन्म होता है जबकि ज्योतिष के अनुसार टेक्टोनिक प्लेटें ग्रहों के प्रभाववश खिसकती हैं और टकराती हैं. भूकंप की तीव्रता प्लेटों पर पड़ने वाले ग्रहों के प्रभाव पर निर्भर करती है. चन्द्र ग्रहण के कारण होने वाली घटनाओं को कुछ लोग अंधविश्वास भी कहते हैं जबकि विज्ञान भी इसे अपने नियमों और सिद्धांतों की कसौटी पर परखता है.
भूकम्प के अलग-अलग प्रभाव
यही भूकंप यदि समुद्र के तल में आते हैं, तो सुनामी में बदल जाते हैं. भूकंप, तूफान, सुनामी आदि में वैसे तो सूर्य, बुध, शुक्र और मंगल का प्रभाव देखा गया है लेकिन चंद्रमा का प्रभाव विशेष है एवं ग्रहण का प्रभाव और भी विशेष है. हालाँकि ये माना जाता है कि दुष्प्रभावों से इतर मनुष्य साधना के जरिये चन्द्र ग्रहण के दौरान लाभ का भागी भी बन सकता है.
चन्द्र ग्रहण के फायदे और नुकसान दोनों
भारत में चंद्र ग्रहण को लेकर कई धारणाएं प्रचलित है लेकिन विज्ञान के मुताबिक यह पूरी तरह खगोलीय घटना है, इससे किसी को हानि नहीं होती है. ग्रहण शुरू होने का समय 5:18:27 सेकंड है. 8:41 बजे चंद्रग्रहण खत्म हो जाएगा. इस ग्रहण का आरंभ भारत के असम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मिजोरम, सिक्किम, पश्चिम बंगाल में देखा जा सकेगा.अन्य राज्यों में चन्द्रमा ग्रहण मे ही उदित होगा..
चन्द्रग्रहण पर जल तत्व की राशि कर्क में पड़ने वाले ग्रहण के कारण सबसे ज्यादा प्रभाव कर्क राशि पर पड़ेगा. जल तत्व की राशि में ग्रहण के कारण असामान्य रूप से वर्षा, चक्रवात या बड़े समुद्री तूफान की आशंका है. यह ग्रहण कुछ लोगों के लिए शुभ तो कुछ लोगों के लिए अशुभ साबित होगा. इसके अलावा इस चंद्र ग्रहण के दिन ही 176 साल बाद पुष्य नक्षत्र का शुभ संयोग बन रहा है. इस दिन चांद आम दिनों के मुकाबले बड़ा दिखाई देगा.