उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात के निकट रविवार सुबह तड़के करीब 3:10 बजे पुखरायां स्टेशन पर पटना से इंदौर जा रही पटना-इंदौर एक्सप्रेस (19321) की 14 बोगियां अचानक पटरी से उतर गईं। इस भीषण ट्रेन हादसे में 100 लोगों की मौत हो गई है जबकि 350 से अधिक लोग घायल हुए हैं। इस रेल हादसे को लेकर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ‘सीपीआई ने मोदी सरकार पर हल्ला बोला है । सीपीआई ने कहा कि ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ‘बुलेट ट्रेन’ की अधिक चिंता करने वाले प्रधानमंत्री और रेल मंत्री इस घटना की जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार नहीं हैं।’ सीपीआई ने ये भी कहा कि नियमित अंतराल पर दुर्घटनाएं हो रही हैं जो कि चिंताजनक है लेकिन मोदी सरकार और रेल मंत्रालय अब तक अपनी ‘नींद’ से जागे नहीं हैं।
रेलवे सुरक्षा उपकरणों को बेहतर बनाने के बजाय सरकार बुलेट ट्रेन शुरू करने को ज्यादा चिंतित दिख रही
- कानपुर रेल हादसे के लेकर सीपीआई ने मोदी सरकार पर ज़ोरदार हमला बोला ।
- सीपीआई ने कहा ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि रेल हादसों की ज़िम्मेदारी लेने के बजे सरकार बुलेट ट्रेन को लेकर ज्यादा चिंतित है।
- नियमित अंतराल पर घटित होने वाली रेल दुर्घटनाओं को सीपीआई ने चिंताजनक बताया है।
- सरकार पर आरोप लगते हुए सीपीआई ने कहा, ‘रेलवे सुरक्षा और सुरक्षा उपकरणों को बेहतर करने,
- संकेतक प्रणाली और रेल पटरियों की स्थिति में सुधार को प्राथमिकता देने के बजाय ,
- सरकार बुलेट ट्रेन शुरू करने को लेकर अधिक चिंतित दिख रही है।’
- सीपीआई के पोलित ब्यूरो ने रेल हादसे में लोगों की मौत पर शोक जताया है।
- साथ ही मृतकों के परिजन के प्रति अपनी संवेदनाएं जाहिर कीं और घायलों के प्रति हमदर्दी जताई है।
- भरतिय कम्युनिस्ट पार्टी ने दुर्घटना की जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक करने करने कि माग की है।
- साथ ही पार्टी ने इसके लिए दोषी पाये जाने वाले लोगों को दंडित करने की भी मांग की है ।
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