टाटा ग्रुप के चेयरमैन पद से हटाए जाने के तीन दिन बाद सायरस मिस्त्री ने ग्रुप पर गंभीर आरोप लगते हुए 5 पेज कि एक चिठ्ठी लिखी है। सायरस मिस्त्री ने ये चिठ्ठी ग्रुप के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को भेजी है, इस चिठ्ठी में सायरस में कंपनी बोर्ड और रतन टाटा को निशाना बनाते हुए गंभीर आरोप लगाये हैं। सायरस ने इस चिट्ठी में बताया की टीसीएस के शेयर में 4 हज़ार करोड़ रूपये कि गरावट आई हैं ।
सायरस की इस चिट्ठी से सामने आये ये बड़े खुलासे
- सायरस ने इस चिठ्ठी में लिखा के नैनो कार टाटा ग्रुप के लिए घाटे का सौदा बन चुकी थी।
- उन्हों ने बताया कि नैनो कार की वजह से ग्रुप का नुकसान करीब 1000 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है ।
- सायरस ने कहा कि नैनो की लागत 1 लाख रुपए से ज्यादा हो चुकी थी।
- लेकिन भावनात्मक कारणों से इससे जुड़े रतन टाटा इसे बंद नहीं कर रहे हैं।
- जब कि घाटे को ध्यान में रखते हुए अब तक उसे बंद कर देना चाहिए था ।
- सायरस मिस्त्री ने लिखा की उन्हें हाताये जाने का फैसला अवैध और अमान्य है।
- क्यों कि उन्हें सफाई का मौका दिये बगैर हटाया गया है जो की कम्पनी में पहली बार हुआ है ।
- सायरस मिस्त्री ने आरोप लगाया कि उन्हें कभी भी ग्रुप को चलाने की पूरी आजादी नहीं दी गई।
- मिस्त्री ने बताया कि यूरोपियन स्टील बिजनेस से टाटा ग्रुप को 67,000 करोड़ रु का नुकसान हो सकता है।
- सायरस ने एयर एशिया के साथ साझेदारी पर भी आपत्ति जताई थी।
- उन्हों ने लिखा कि इस सौदे में करीब 22 करोड़ रुपए के गलत लेन देन किया गया है।
- इस लेनदेन में भारत और सिंगापुर के ऐसे पक्ष जुड़े थे जो वास्तव में हैं ही नहीं।
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