दिल्ली हाई कोर्ट की एक बेंच ने एक मार्च तक कीमतें निर्धारित करने को कहा हैं.बिरेंदर सान्घ्वान द्वारा दायर याचिका की सुनवाई में ये फैसला लिया गया है.

दायर याचिका की दूसरी सुनवाई

  • बिरेंदर सान्घ्वान द्वारा दायर याचिका की दूसरी सुनवाई में ये फैसला आया है.
  • कोर्ट ने पूछा की ड्रग निर्माता कम्पनियां प्रोडक्ट पर MRP क्यों नहीं डालते.
  • आश्चर्य की बात तो ये है की सुनवाई के एक दिन पहले.
  • फॉरमेटिक्ल्स कम्पनियों ने उत्पादित स्टंट्स को प्राइस लिस्ट में डालने को कहा है.

याचिकाकरता ने जताई संतुष्टि

  • सान्घ्वान जिनके द्वारा PIL दाखिल की गई थी.
  • इस फैसले पर संतुष्टि जताई है .पर अभी भी उत्पादक इस पर विरोध ज़ाहिर करेंगें.
  • उत्पादक स्टंट के दाम बढाने की सोचेंगे.
  • सीलिंग प्राइज में बढ़ावा कर सकते हैं.
  • सरकार की सेंट्रल स्कीम में इसका मूल्य निर्धारित है.
  • इस समय 23,625 का मूल्य है है एक कार्डियक स्टंट का.
  • सभी तरह के स्टंट का मूल्य एक हो कोर्ट के इस फैसले पर भी विरोध हो सकता है.
  • जिसके बाद सीलिंग प्राइज बढाने की मांग उठेगी
  • बिजेंद्र बोले अगर दाम बढे तो इसके खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर करेंगें.

उत्पादकों की मानें तो तकनीक में बढ़ावा हुआ है

  • कम्पनियों का मानना है की स्टंट बनाने में नयी तकनीक का प्रयोग हो रहा है.
  • जिससे दामों में बढोतरी होना जायज़ है.
  • कम दामों से कम्पनियों को नुक्सान होगा.
  • कार्डियक स्पेशलिस्ट द्वारा बनाई गयी एक रिपोर्ट में इसका कोई विवरण नहीं.
  • कौन  सा स्टंट तकनीक के लहजे से ऊपर है.
  • इस तरह स्टंट के दामों में विभिन्नता करना सही नहीं है.
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