साल 2016 में देश की राजधानी का ‘प्रशासनिक प्रमुख ‘ बताने का अधिकार दिल्ली हाई कोर्ट ने उप राज्यपाल को दिया। हाई कोर्ट के इस फैसले ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार को बड़ा झटका लगा है। दरअसल दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा नही देने के फैसले का असर केजरीवाल सरकार के दुसरे एजेंडों पर पड़ा है। दिल्ली सरकार उपराज्यपाल की मंज़ूरी के बगैर संसदीय सचिवों की नियुक्ति नही कर सकती। लेकिन ये अधिकार दिल्ली सरकार पाना चाहती है। इसी के लिए केजरीवाल सरकार हाई कोर्ट में लड़ाई लड़ रही थी जिसमे उसकी पहले ही हार हो चुकी थी।
आपराधिक मानहानि मामले की सुनवाई पर रोक लगाने से भी HC ने किया इनकार
- दिल्ली सीएम अरविन्द केजरीवाल को HC ने एक और झटका दिया है।
- बता दें की वित्त मंत्री की तरफ से केजरीवाल के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दायर किए गए था।
- इस मामले की सुनवाई पर भी HC ने रोक लगाने से मना कर दिया है।
- बता दें की DDCA मामले में जेटली के खिलाफ आरोप लगाने के कारण कई आप नेता इस मानहानी मुकदमे की चपेट में आ गये है।
- जिनमे राघव चड्ढ़ा, कुमार विश्वास, आशुतोष, संजय सिंह और दीपक वाजपेयी के नाम शामिल हैं।
- इस मामले में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मानहानि का मुकदमा दायर किया था।
- जिसमे क्षतिपूर्ति के लिए 10 करोड़ रूपये की मांग की गई है।
- बता दें की इस मामले में पूर्व क्रिकेटर और निलंबित बीजेपी सांसद कीर्ति आजाद ने भी जेटली पर कामकाज में अनियमितता का आरोप लगाया था।
- आज़ाद के खिलाफ भी जेटली ने ये मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया है।
ये भी पढ़ें :बीएसवी प्रसाद ने दिवंगत जय ललिता की मूर्ती शशिकला को भेंट की!
UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें