दिल्ली की केजरीवाल सरकार और उसके अधिकारों को लेकर हाई कोर्ट ने आज फैसला सुनाया है। अरविन्द केजरीवाल ने LG के अधिकारों को चुनौती देते हुए सरकार के काम-काज में अड़चन पैदा करने का आरोप लगाया था और एक याचिका दायर की थी।
हाई कोर्ट ने कहा कि-
- दिल्ली में पुलिस, जमीन और कानून व्यवस्था से जुड़े मामलों मे अंतिम फैसला केंद्र ही करेगा।
- इस फैसले को केजरीवाल सरकार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
- आये दिन मुख्यमंत्री केजरीवाल ये कहते रहे हैं कि LG उनके अधिकार क्षेत्र में दखल दे रहे हैं।
- आर्टिकल 239-A A के तहत भारत की यूनियन टैरिटरी में पुलिस, कानून व्यवस्था और जमीन से जुड़े मामलों मे पॉवर केंद्र के हाथ में है।
- दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने आदेश में इस व्यवस्था को बरकरार रखा है।
- दिल्ली विधानसभा के अधिकारक्षेत्र से बाहर हैं और उपराज्यपाल जिन शक्तियों का इस्तेमाल कर रहे हैं, असंवैधानिक नहीं!
- सीएनजी फिटनेस घोटाले और डीडीसीए घोटाले में जांच आयोग बनाने के आप सरकार के आदेश को अवैध ठहराया।
- कोर्ट के अनुसार यह आदेश उपराज्यपाल की सहमति के बिना जारी किया गया।
- एसीबी को केंद्र सरकार के कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई से रोकने की केंद्र की 21 मई 2015 की अधिसूचना अवैध नहीं!
उच्च न्यायालय में आप सरकार के वकील ने कहा कि वह इस फैसले के खिलाफ तत्काल अपील दायर करेंगे