इस देश को अग्रेजों की गुलामी से आज़ाद कराने के खातिर फांसी के फन्दे पर भी इन्कलाब जिन्दाबाद का नारा लगाकर अपने प्राणो की आहुति देने वाले शहीदे आजम भगत को दिल्ली यूनिवर्सिटी की एक किताब में आतंकवादी बताया गया है। दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिन्दी माध्यम कार्यान्वय निदेशालय की ओर से प्रकाशित इस पुस्तक का नाम भारत का स्वतंत्रता संघर्ष है। भारत के तमाम इतिहासकार और नेता इस किताब का कड़ा विरोध कर रहें हैं।
इस पुस्तक के 20वें अध्याय के शीर्षक ‘भगत सिंह और क्रांतिकारी आतंकवादी’ में यह लिखा हुआ है कि भगत सिंह और अनके साथी आतंकवादी थे। इस किताब को लेकर मामला इतना गरमा गया है कि जनता दल यू के महासचिव केसी त्यागी ने इस मामले को राज्यसभा में उठाने की बात कही है। वहीं भगत सिंह के परिजनों ने इस पर एतराज जताया है। भगत सिंह के छोटे भाई कुलबीर सिंह के पोते ने इस सम्बन्ध में शिक्षा मंत्री स्मृति ईरानी को पत्र लिखा है।
गौरतलब है कि इस पुस्तक का पहला संस्करण 1990 में प्रकाशित हुआ था। इससे पहले भी अग्रेजों द्वारा लिखी हुई ऐसी तमाम किताबे सामने आ चुकीं हैं जिसमें भगत सिंह का आतंकवादी साबित करने की कोशिश की गई है।