नोटबंदी के मुद्दे को लेकर विपक्ष शुरू से ही मोदी सरकार पर हमला करता रहा है। बता दें कि नोटबंदी के बाद हालात सामान्य करने के लिए पीएम मोदी ने देश वासियों से 50 दिन का समय माँगा था। ये अवधि 30 दिसंबर को समाप्त होने जा रही है। ऐसे में 27 दिसंबर को दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में विपक्ष एक बार फिर एकजुट होकर सरकार को घेरने की योजना बना रहा है। लेकिन अब इस एकजुटता में फूट पड़ती दिख रही है।
वाम दल और जेडीयू के इस मीटिंग में शामिल होने की संभावना अब ना के बराबर
- नोटबंदी के मामले को लेकर विपक्ष शुरू से ही मोदी सरकार पर हमला करता रहा है।
- तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने नोटबंदी के मुद्दे को लेकर सड़क से संसद तक मोदी सरकार पर करार प्रहार करते आये हैं।
- गौरतलब है की नोटबंदी लागू होने के 50 दिन पूरे होने वाले हैं।
- ऐसे में विपक्ष फिर से एक जुट होकर मोदी सरकार को घेरने की योजना बना रहा है।
- पहले 26 दिसंबर को कांग्रेस पार्टी के वॉर रूम में 100 से ज्यादा नेता इकठ्ठा हो कर नोटंबदी पर चर्चा करेंगे।
- इसके बाद 27 दिसंबर को दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में 16 विपक्षी दलों की एक मीटिंग होनी है।
- इस मीटिंग में नोटबंदी के मुद्दे ओ लेकर आगे की रणनीति पर विचार करने का फैसला किया था।
- लेकिन अब इस मीटिं में वाम दल और जेडीयू के शामिल होने की उम्मीद बहुत ही कम नज़र आ रही है।
- CPI प्रमुख सीताराम येचुरी ने कहा कि वो इस जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल नहीं होंगे।
- उन्होंने ये भी कहा कि योजना ठीक से नहीं बनाई गई है।
- येचुरी ने ये भी कहा की यदि प्रधानमंत्री नए घोषणा लेकर आते हैं तो वाम दल प्रदर्शन करेंगे।
- वहीँ जेडीयू नेता केसी त्यागी का कहना है कि इस बैठक के पीछे की असली भावना के बारे में उन्हें पता नहीं है।
- त्यागी का ये भी कहना है कि पार्टियों की मीटिंग के लिए कॉमन एजेंडा, जो कि होना चाहिए नहीं मिला।
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