हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्र सरकार द्वारा विमुद्रीकरण के निर्णय का असर अब दिखने लगा है. इस निर्णय ने ना केवल लोगों के घर में छुपे कालेधन को उजागर किया है बल्कि इससे देश में होने वाले अपराधों में भी कमी आई है.
सरेंडर की सबसे बड़ी संख्या :
- हाल ही में सरकार द्वारा नोटबंदी का निर्णय लिए जाने का असर दिखने लगा है.
- इस निर्णय से ना केवल कालाधन उजागर हुआ है बल्कि अपराधों में भी कमी आयी है.
- जिसके तहत नोटबंदी का बड़ा असर नक्सलियों पर भी पड़ा है.
- नक्सल प्रभावित राज्यों में पैसे की कमी और सुरक्षा बलों की ओर से बढ़ रहे दबाव बड़ा है.
- जिसकी वजह से पिछले 28 दिनों में 564 नक्सलियों और उनके समर्थकों ने सरेंडर किया है.
- यह अबतक किसी भी एक माह में नक्सलियों द्वारा किए गए सरेंडर की सबसे बड़ी संख्या है.
- ओडिशा, आंध्र प्रदेश, बिहार, झारखंड और मध्य प्रदेश जैसे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नोटबंदी का व्यापक असर है.
- इन आकड़ों को देखें तो पाते हैं कि नवंबर माह में हुए कुल 564 सरेंडर में से 469 सरेंडर तो 8 नवंबर के बाद ही हुए हैं.
- नोटबंदी का बड़ा असर नक्सलियों द्वारा असलहे खरीदने के रखे पैसे पर भी पड़ा है.
- सुरक्षा एजेंसियों को इसके बाबत हाई एलर्ट भी जारी किया गया है.