पश्चिम बंगाल के हावड़ा के पास स्थित धुलागढ़ में दो हफ्ते पहले हुए दंगे का खौफ लोगों के दिलों में आज भी बना हुआ है। धुलागढ़ में दंगे के चलते तमाम लोग बेघर हो गये। इस छोटा-से कस्बे में चारों तरफ बस जले और टूटे हुए घर ही दिख रहे हैं। लोगों में इस हिंसात्मक दंगे का खौफ और डर इस कदर बैठा हुआ है कि वो अब भी अपने घरों में लौटने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं।
मदद के लिए आगे आने के बजाये दंगे पर अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने में लगे नेता
- घुलागढ़ में हुए दंगे के बाद लोगों के पास न घर बचा न ही रहने का ठिकाना।
- हिंसक भीड़ ने इलाके के लोगों के घर तोड़ और जला दिए ।
- डर के कारण इलाका छोड़कर भागने को मजबूर हुए लोग।
- लेकिन देश के नेता मदद के लिए आगे आने के बजाये इस दंगे की आग पर अपनी राजनीतिक रोटी को सेंकने में लगे हुए हैं।
- दंगे में पीड़ित मैत्री ने बताय की एक भी मंत्री हमारा हाल जानने नहीं आया।
- बता दें कि राज्य सरकार ने भी पीड़ितों के लिए महज 35,000 रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है।
- ज्यादातर लोगों का मानना है कि यह मुआवजा बेहद कम है।
- क्यों कि इस रकम से खाली घर में जरूरत का सामन लाना तो दूर घर की मरम्मत भी ठिक से नही हो पाएगी।
तमाशबीन बनी पुलिस ने मदद करने की जगह दंगा पीड़ित लोगों से घर छोड़ने को कहा
- पश्चिम बंगाल के हावड़ा के पास स्थित धुलागढ़ में दो हफ्ते पहले हुए दंगे का खौफ लोगों के दिलों में आज भी बना हुआ है।
- दंगे बाद इस छोटा-से कस्बे में चारों तरफ बस जले और टूटे हुए घर ही दिख रहे हैं।
- घुलागढ़ के दिलीप खन्ना को जब यह पता चला कि दंगाई उनके गांव के करीब पहुंच गए हैं।
- तो उन्होंने खुद को एक कमरे के अंदर बंद कर लिया
- दिलीप का कहना है कि ‘जब पुलिस आई, तो उसने हम सबसे कहा कि दो मिनट में घर छोड़कर निकल जाओ’ ।
- दंगाई चारों तरफ लोगों घरों में तोड़फोड़ और और आगजनी करते रहे।
- लेकिन पुलिस तमाशबीन बनी सिर्फ देखती रहीं।
इलाके में विपक्षी दलों के नेताओं और मीडिया के प्रवेश पर लगी है रोक
- घुलागढ़ में हुए दंगे के बाद राज्य सरकार ने इस इलाके में विपक्षी दलों के नेताओं और मीडिया के प्रवेश पर रोक लगा दी है।
- गौरतलब है कि कांग्रेस, बीजेपी और माकपा के प्रतिनिधिमंडल को कई किलोमीटर पहले ही रोक दिया गया है।
- चरों तरफ से पड़ने वाले दबाव को देखते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हावड़ा ग्रामीण जिले के एसपी को हटा दिया है।
- इसके साथ ही दंगे के चलते में दर्जनों लोग गिरफ्तार किए गए हैं।
- लेकिन इसके बावजूद स्थिति अब भी काफी तनावपूर्ण बनी हुई है।
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Mohammad Zahid
मैं @uttarpradesh.org का पत्रकार हूँ। तथ्यों को लिखने से मुझे कोई रोक नहीं सकता।नवाबों के शहर लखनऊ का हूँ इसलिए बुलंद आवाज़ भी उठाता हूँ तो बड़े एहतराम से....