तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता की मौत पर फैली अफवाहों पर अब पूरी तरह विराम लग गया है. लन्दन के विशेषज्ञ डॉक्टर रिचर्ड बेले जिन्होनें जयललिता का इलाज किया था. उन्होनें आज चेन्नई में प्रेस वार्ता कर जय ललिता के मौत के मेडिकल कारणों को स्पष्ट किया.
श्वसन प्रणाली और एक्यूट डायबिटीज
- लन्दन के विशेषज्ञ डॉक्टर रिचर्ड बेले ने कहा जय ललिता डायबिटीज़ से जूझ रहीं थी.
- उनकी मौत श्वसन तंत्र फेल होने से हुई है.
- डॉक्टर रिचर्ड बेले के इन कथनों ने पिछले दो महीनों से लग रही अम्मां की मौत पर
- जारी अटकलों पर पूर्ण विराम लगा दिया है.
- प्रेस वार्ता में उन्होंने कई अन्य तथ्य उजागर किये.
- डॉक्टर रिचर्ड बेले के साथ साथ सरकारी डॉक्टर बाबु अब्राहम क्रिटिकल केयर विशेषज्ञ
- सुधा सेशैयाँ जिन्होंने जय ललिता की बॉडी को श्व्लेपित किया था.
- सब इस प्रेस वार्ता में मौजूद थे.डॉक्टर्स ने कहा मौत का कारण ऑर्गन फेलियर था.
डॉक्टरों द्वारा बताये गए मेडिकल तथ्य-
- जय ललिता के 75 दिनों के इलाज के दौरान ना ही उनका पैर काटा गया था.
- किसी भी तरह का प्रत्यारोपण नहीं हुआ था- मद्रास मेडिकल कॉलेज.
- 5.5 लीटर केमिकल्स का प्रयोग बॉडी श्व्लेपित करने की लिए हुआ था.
- जय ललिता के चेहरे पर कोई डॉट नहीं थे. मीडिया में जारी वीडियो में
- ऐसा दृश्य क्यों आया इसपर वजह साफ़ नहीं है.
अचानक हुआ हृदयघात, बचाने की कोशिश
- जयललिता को अचानक हृदयघात हुआ था. जिसके बाद उन्हें बचाने की कोशिश की गयी.
- जयललिता के ह्रदय को फिर से जीवित करने की काफी कोशिश की गयी.
- हर कोशिश नाकामयाब हुई. उनको रक्त में इन्फेक्शन भी था
- जो तेज़ी से अन्य अंगो में फ़ैल गया और श्वसन प्रणाली को खराब कर गया.
जय ललिता के इलाज में 5.5 करोड़ का खर्चा
- डॉक्टर्स के मुताबिक़ जय ललिता के इलाज में 5.5 करोड़ का खर्चा हुआ.
- जिसका बिल उनके परिवार वालों को सौंप दिया गया.
- डॉक्टर्स ने बताया जय ललिता की मौत अकास्मिक थी.
- इसका हमें भी अंदाजा नहीं था. जय ललिता को अंत तक बचाने के लिए
- हर मुमकिन कोशिश की गयी पर उन्हें बचाया ना जा सका.
- ह्रदयघात पड़ने के 20 मिनट तक उनके हृदय को फिर से जीवित करने का
- प्रयास किया गया पर कोई रेस्पोंस नहीं मिला.
- उम्मीद है इस मेडिकल वार्ता के बाद जयललिता की मौत पर जारी
- राजनीति थम जायेगी. कई दिनों से विषय सुर्ख़ियों में है.