दिल्ली विश्वविद्यालय के राम लाल कॉलेज में अंग्रेजी के प्रोफेसर जीएन साईबाबा को माओवादियों के साथ संबंध रखने के आरोप में, महाराष्ट्र के गढ़चिरौली कोर्ट ने आज गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) एक्ट के तहत दोषी ठहराया है। उनके साथ 6 और लोगों को इसी मामले दोषी करार दिया है।
प्रोफेसर जीएन साईबाबा को उम्रकैद की सजा:
- प्रोफेसर पर माओवादियों के साथ रिश्ते और भारत के खिलाफ जंग छेड़ने के आरोपी सिद्द हुए हैं।
- इस मामले में महाराष्ट्र के गढ़चिरौली की अदालत ने प्रोफेसर को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
- प्रोफेसर जीएन साईबाबा डीयू के राम लाल आनंद कॉलेज में अंग्रेजी पढ़ाते थे।
- माओवादियों के साथ रिश्ते रखने के संबंध में उन्हें 2014 में दिल्ली आवास से गिरफ्तार हुए थे।
- इस मामले के बाद डीयू से उन्हें सस्पेंड कर दिया गया था।
- अदालत ने इस मामले में प्रोफेसर साईबाबा के साथ जेएनयू के छात्र हेम मिश्रा, पत्रकार प्रशांत राही और तीन अन्य लोगों को UAPA एक्ट के तहत दोषी पाया था।
- ज्ञात हो कि हेम मिश्रा और प्रशांत राही सन 2013 में पकड़े गए थे।
- इन सभी के पास से आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किये गये थे।
- आपको बता दें कि 90 फीसदी विकलांग साईबाबा पूरी तरह से व्हीलचेयर के सहारे हैं।
- यही वजह है कि मुंबई हाईकोर्ट ने पिछले साल जून में उन्हें जमानत दी थी।
- प्रोफेसर जीएन साईबाबा बतौर सामाजिक कार्यकर्ता, रिवोल्यूशनरी डेमोक्रेटिक फ्रंट नाम की भी एक संस्था से जुड़े हुए थे।
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