• कुम्भ के पांचवें स्नान पर्व माघी पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं का रेला उमड़ पड़ा। सोमवार रात 12 बजे से मंगलवार दोपहर 3 बजे तक 90 लाख आस्थावानों ने त्रिवेणी में डुबकी लगा ली। एक दिन पहले सोमवार को 70 लाख लोगों ने स्नान कर लिया था। इस प्रकार स्नान करने वालों का आंकड़ा सुबह 9 बजे तक ही एक करोड़ पार कर गया था। इस स्नान के साथ ही कल्पवासियों की एक महीने की तपस्या भी पूरी हो गई। स्नान के बाद कथा सुनकर और दान-दक्षिणा देकर कल्पवासी अपने-अपने घरों को रवाना हुए। कल्पवास की शुरूआत पौष पूर्णिमा स्नान से हुई थी। मंगलवार सुबह दिन निकलने के साथ श्रद्धालुओं की भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है। काली सड़क, जिस रास्ते से लोगों को संगम भेजा, वहां सुबह से सिर्फ सिर ही सिर दिखाई दे रहे हैं।
  • यही स्थिति त्रिवेणी सड़क की थी,जहां से लोगों की वापसी हो रही थी। खास बात यह कि जिस प्रकार शाही स्नान के दौरान अखाड़ों के संतों पर हेलीकाप्टर से पुष्पा वर्षा की गई थी, उसी प्रकार माघी पूर्णिमा पर आम श्रद्धालुओं के ऊपर भी फूलों की वर्षा कर मेला प्रशासन ने उनका अभिनंदन किया। खोया-पाया केंद्र पर माइक से घोषणा नहीं होने से बिछुड़ने वाले लोग अपने परिजनों से नहीं मिल पा रहे थे।

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