एक देश एक कर व्यवस्था के लिए लागू वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में कर चोरी को रोकने के लिए ई वे बिल व्यवस्था की शुरुआत 1 अप्रैल से की गयी है. ई वे बिल व्यवस्था के अंतर्गत आसमान, जमीन और पानी किसी भी रस्ते से एक राज्य से दूसरे राज्य तक 50 हजार रुपये या उससे ज्यादा का माल लाने ले जाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक यानी ई वे बिल जरुरी कर दिया गया है.

नही कर सकेंगे अब कर चोरी:

ई वे बिल एक तरह का परमिट है जो ये जानकारी देता है कि तय कीमत का माल पूरी तरह से कर चुकाने के बाद एक जगह से दूसरे जगह पर कानूनी तरीक से ले जाया जा रहा है. अभी ये व्यवस्था दो राज्यों के बीच शुरु की गयी है, जबकि कुछ दिनों बाद चरणबद्ध तरीके से अन्य राज्यों के बीच एक जगह से दूसरे जगह सामान लाने ले जाने के मामले में इस्तेमाल होगा. ई वे बिल को कुछ हद तक पुराने समय के सी फॉर्म के तौर पर देखा जा सकता है. सी फॉर्म राज्यों के बीच कारोबार के लिए इस्तेमाल होता है, लेकिन उसमे भारी गड़बड़ी होती रही और एक ही सी फॉर्म पर कई बार सामान इधर से ऊधर कर टैक्स की चोरी की गयी. लेकिन ई वे बिल के साथ ये मुमिकन नही. इसका इस्तेमाल एक ही बार हो सकेगा.

ई वे बिल की कुछ खास बातें:

ई वे बिल जारी करने वाले के लिए जीएसटी पोर्टल यानी जीएसटीएन पर रजिट्रेशन कराना जरुरी है. गैर रजिस्टर्ड ट्रांसपोर्टर्र को https://ewaybillgst.gov.in पर पंजीकृत होना जरूरी है.

अगर कारोबारी जीएसटी पोर्टल पर रजिस्टर्ड नहीं है और उसे अपना माल दूसरे राज्य में भेजना है तो यहां पर ट्रांसपोर्टर उसकी तरफ से ई वे बिल तैयार कर सकता है.

ई बिल जारी करने के लिए कर की अदायगी, डिलीवरी चालान, ट्रांसपोर्टर्स के पहचान पत्र के साथ वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर होना जरुरी है.

ध्यान रखें कि एक बार जारी करने के बाद ई वे बिल में फेरबदल नहीं किया जा सकता है. इसकी जगह इसे रद्द करना होगा और नया ई वे बिल जारी करना होगा.

ई वे बिल जारी होने के समय से प्रत्येक 100 किलोमीटर के लिए 1 दिन तक वैध होगा

यदि एक ट्रक पर कई कंसाइनमेंट हैं तो कंसोलिडेटेड ई वे बिल भी जारी किया ज सकता है

अगर किसी वजह से ट्रक को आधे घंटे से ज्यादा समय के लिए रोक लिया जाता है तो ट्रांसपोर्टर इसकी जानकारी ई वे बिल पोर्टल पर दे सकता है

ई वे बिल के लिए कंप्यूटर, लैपटॉप या टैबलेट होना ही जरुरी नहीं, ये एट्रांयड सिस्टम आधारित मोबाइल फोन पर एप के जरिए जारी किया जा सकता है.

 

बिल जारी होने के 24 घंटे बाद जारी करने वाला रद्द कर सकता है.

बता दे कि 1 अप्रैल तक कुल मिलाकर 10.96 लाख करदाताओं ने ई वे बिल पोर्टल (https://ewaybillgst.gov.in) पर रजिस्ट्रेशन कराया है. 19,796 ट्रांसपोर्टर ने भी रजिस्ट्रेशन कराया है,  हालांकि ये लोग जीएसटी के तहत रजिस्टर्ड नहीं हैं. मध्यरात्रि 12 बजे से शाम 5 बजे के बीच 1.71 लाख से भी ज्यादा ई वे बिल जारी किया गए हैं.

 

अरविन्द केजरीवाल ने मांगी अरुण जेटली से माफ़ी

UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें