केंद्र सरकार में भाजपा के 4 साल की सालगिरह 26 मई को हैं. इन 4 सालों में एनडीए की सरकार ने कई बड़े कदम उठाये. कुछ उनकी उपलब्धि बनी तो कुछ से आलोचनाएँ झेलनी पड़ी. 2019 में लोकसभा चुनाव हैं, इससे पहले भारत की जनता केंद्र की मोदी सरकार से कितना जुड़ी है और कितनी अलग हो गयी, यह जानना भी अहम् हैं.
पिछली बार से 32 सीटों का फायदा:
-पूर्वी भारत में भाजपा को काफी फायदा हो सकता हैं. पूर्वी भारत में 5 राज्य आते हैं.
-इनमे पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा, झारखंड और असम हैं.
-जहाँ बिहार में नीतीश की जेडीयू से गठबंधन से भाजपा का फायदा हो सकता हैं.
-वहीं पश्चिम बंगाल में भी भाजपा का वोट शेयर बढ़ा हैं.
-पूर्वी भारत में कुल 142 सीटें हैं.
-इन 142 सीटों में से एनडीए के हिस्से में 86 से 94 सीटें आ सकती हैं. 2014 की बात करें एनडीए को 58 सीटें मिली थी. इससे साफ़ है की इस बार उनको फायदा हो सकता हैं.
-2014 के मुकाबले एनडीए को 32 सीटों का फायदा होता नजर आ रहा है.
-यूपीए के खाते में 22 से 26 सीटों का वोट शेयर हैं. 2014 में यूपीए को 21 सीटें मिली थीं.
-अन्य के खाते में 26 से 30 सीटें जाती नजर आ रहीं हैं. 2014 में अन्य दलों के खाते में 63 सीटें थी.
-अन्य में ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी भी शामिल है.