आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों को संसदीय सचिव के मामले में निर्वाचन आयोग ने आखरी मौका दिया है । ECI ने 21 विधायकों को नोटिस भेजकर कहा है कि उनको अपना पक्ष रखने के लिए सिर्फ 1 हफ्ते यानी कि 17 अक्टूबर तक का वक़्त दिया जा रहा है।
मात्र 17 अक्टूबर तक का वक़्त है इन विधायकों के पास
- निर्वाचन आयोग ने साफ़ तौर पर कहा कि आप विधायकों ने अगर नोटिस का जवाब नहीं दिया।
- तो फिर उनको अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दिया जाएगा।
- गौरतलब है कि इस मामले की सुनवाई जुलाई महीने से चल रही है।
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- अब तक सात बार तारीख पड़ चुकी हैं, लेकिन कोई वजह बताकर सुनवाई आगे बढ़वाते रहे है आप विधायक ।
- उन्हों ने पिछली सुनवाई के दौरान भी अपना पक्ष रखने का मौका मांग लिया था ।
- 7 अक्टूबर को एक और अर्ज़ी लगाकर उन्हों ने कहा कि उनको अभी तक सारे दस्तावेज़ नहीं मिले हैं।
- इस लिए उनको वो दस्तावेज़ दिए जाएँ और उनको उन दस्तावेजों पर जवाब देने के लिए 8 हफ्ते का वक़्त दिया जाए।
- निर्वाचन आयोग द्वारा दस्तावेज़ तो तुरंत मुहैया करा दिए गए थे।
- लेकिन उन पर जवाब देने के लिए 8 हफ्ते नहीं बल्कि एक हफ्ते का ही वक़्त दिया है।
- गौरतलब है कि राष्ट्रपति ने संसदीय सचिव की नियुक्ति वाले बिल को गलत ठहराया था।
- HC में खुद केजरीवाल सरकार ने हाई कोर्ट के अगस्त महीने में दिए गए आदेश का हवाला देते हुए नियुक्ति को गैर कानूनी मान लिया था।
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- क्योंकि उन नियुक्तियों में उपराज्यपाल की सहमति नहीं ली गयी थी।
- लेकिन अब निर्वाचन आयोग ने साफ़ कर दिया है कि आप विधायकों के पास ये आखिरी मौक़ा है।
- उम्मीद की जा रही है कि अब जल्द ही निर्वाचन आयोग 21 संसदीय सचिवों के मामले पर अपना फैसला सुना सकेगा।
- अगर चुनाव आयोग ने पाया की इन 21 विधायकों को संसदीय सचिव रहते हुए सुविधाएं मिली थी।
- तो वो पद लाभ के पद के दायरे में आएगा।
- ऐसे में केजरीवाल सरकार के 21 विधायकों की सदस्यता भी छीनी जा सकती है।
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