चुनाव आयोग ने चुनाव में कालेधन का प्रयोग करने वाली पार्टियों की कमर तोड़ने वाला बड़ा फैसला लिया है। चुनाव आयोग अब राजनीतिक पार्टियों को मिलने वाले चंदे को डिसक्लोज करने की सीमा 20 हजार से घटाकर 2 हजार पर लाने की तैयारी में है। इससे सभी राजनीतिक दलों को 2 हजार से ज्यादा मिलने वाले चंदे का स्त्रोत बताना पड़ेगा। इस संबंध में आयोग ने सरकार से कानून में संशोधन करने की मांग की है।
राजनीतिक दलों पर चुनाव आयोग का हंटर :
- चुनाव आयोग ने केंद्र सरकार से अज्ञात स्त्रोत से प्राप्त चंदे की लिमिट कम करने की सिफारिश की है।
- इस संबंध में चुनाव आयोग ने सरकार से कानून में संशोधन करने का प्रस्ताव दिया है।
- आयोग ने सिफारिश की है, कि अज्ञात स्त्रोतों से प्राप्त 2 हजार से ज्यादा के चंदे पर रोक लगनी चाहिए।
- साथ ही इनकम टैक्स में छूट भी उन्हीं दलों को मिले जो लोकसभा व विधानसभा चुनाव लड़ती हों।
अभी क्या यह है सीमा :
- आयकर कानून की धारा 13 ए 1951 के तहत राजनीतिक दलों की आय पर टैक्स में छूट है।
- अभी पार्टियां अज्ञात स्त्रोत से 20 हजार रूपये तक चंदा ले सकती है।
- जिसका ब्योरा देना उनके लिए बाध्य नहीं है।
- जानकारी हो कि नोटबंदी के बाद से स्पष्ट किया जा चुका है कि पार्टियां 500 व 1000 के नोट नहीं ले सकती।
- वहीं वित्त सचिव अशोक लवासा ने सभी पार्टियों को अपनी और चंदें के हिसाब दुरूस्त रखने के हिदायत दी थी।