मोदी सरकार अपने कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट पेश करने जा रही है. इसके लिए संसद के बजट सत्र का पहला चरण 29 जनवरी से 9 फरवरी तक बुलाया गया है. इस दौरान सरकार 29 जनवरी को आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेगी और फिर एक फरवरी को केंद्रीय बजट पेश किया जाएगा. लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों की संयुक्त बैठक के साथ सत्र शुरू हुआ. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया.
क्या कहता है अर्थिक सर्वे:
संसद में आर्थिक सर्वे पेश:
संसद में अरुण जेटली ने आर्थिक सर्वे पेश किया. इस सर्वे से कई बातें निकलकर सामने आई हैं. आर्थिक सर्वे केमुताबिक, अगले साल 7 से 7.5 फीसदी विकास दर रहने की उम्मीद जताई गई है. चालू वित्त वर्ष में ये विकास दर 6.75 फ़ीसदी है. शिक्षा रोजगार को लेकर ये सर्वे बड़ा संकेत दे रहा है और ऐसे में सरकार की प्राथमिकतायें क्या होंगी, ये तो 1 फ़रवरी को पेश होने वाला बजट बता सकता है.
तेल की कीमतें चुनौती:
सर्वे के मुताबिक, तेल की बढ़ती कीमतें चुनौती हैं जबकि रोजगार और कृषि की तरफ भी सरकार को ध्यान देना होगा. कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों पर सरकार की चिंता जाहिर है. सर्वे के अनुसार, ये सबसे बड़ी चुनौती सरकार के लिए है. देश में निजी निवेश बढ़ाने की योजना को लेकर सर्वे बहुत कुछ कह रहा है. भारत तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है. रोजगार के अवसर पैदा करने पर जोर और शिक्षा के बुनियादी ढांचे को दुरुस्त करते हुए इसमें सुधार पर बल देना होगा. सरकार का कहना है कि स्पेंडिंग बढ़ाई जाएगी. इसमें कोई कटौती नहीं की जाएगी.
महंगाई दे सकती है झटका:
सर्वे के मुताबिक, 12 पर्सेंट तक बढ़ सकती हैं क्रूड की कीमतें, महंगाई में इजाफा हो सकता है. निजी निवेश में सुधार के संकेत मिले हैं. एक्सपोर्ट में सुधार की स्थिति देखने को मिलेगी. सरकार ने माना कि फाइनैंशल इयर 2019 में आर्थिक प्रबंधन में थोड़ी मुश्किल होगी. इस साल चालू खाता घाटा 1.5 से लेकर 2 पर्सेंट तक रह सकता है. मौजूदा वित्त वर्ष में कृषि ग्रोथ 2.1 पर्सेंट रहने का अनुमान है. फाइनैंशल इयर 2017-18 के लिए राजकोषीय घाटा 3.2 पर्सेंट रहने का अनुमान है.
पीएम मोदी की अपील: ट्रिपल तलाक बिल पारित कराएँ
इसके पहले पीएम मोदी ने सभी दलों से अपील की और कहा कि ट्रिपल तलाक बिल पारित कराने में सहयोग देकर मुस्लिम महिलाओं को नए साल का तोहफा दें. वहीँ उन्होंने कहा कि देश का बजट अर्थव्यवस्था को मजबूत करने वाला होगा. पीएम मोदी ने कहा कि बजट सत्र महत्वपूर्ण है और दल से ऊपर देश होता है. सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों एक दूसरे की कमियों को उजागर कर उसे दूर करने का प्रयास करते हैं. उन्होंने कहा कि सभी दलों की बैठक में मैंने विपक्ष से अपील की है कि बजट सत्र का लाभ देश को मिले.