आज लोकसभा में शत्रु संपत्ति (संशोधन एवं विधिमान्यकरण) विधेयक बिल लोकसभा से भी पारित हो गया. साथ ही राज्य सभा से इस बिल में किये गए सभी संशोधनों को स्वीकार कर लिया है. यह बिल अब अध्यादेश का स्थान लेगा.आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन द्वारा रखे गए शत्रु सम्पत्ति संशोधन और विधिमान्यकरण पांचवां अध्यादेश 2016 का निरुनुमोदन करने वाले संकल्प को अस्वीकार कर दिया गया.
राज्य सभा में अटका हुआ था बिल
- शत्रु संपत्ति विधेयक बिल काफी समय से राज्य सभा में अटका हुआ था.
- कई बार अध्यादेश जारी किये जाने के बाद इसपर कोई निर्णय नहीं आ पाया था.
- जिसपर राष्ट्रपति प्रणब मुख़र्जी ने नराजगी जतायी थी.
- पार्टियों द्वारा किये जाने वाले विरोध के चलते बिल पास नहीं हो पास नहीं हो पाया थी.
- कॉंग्रेस, लेफ़्ट, जेडीयू द्वारा राज्य सभा में सबसे ज्यादा विरोध किया गया था.
- शत्रु संपत्ति विधेयक पांच बार राज्य सभा में लाया जा चुका था.
- राष्ट्रपति ने सांसदों के रवैये पर खासी नराजगी जताई थी.
शत्रु संपत्ति विधेयक बिल का मतलब
- शत्रु संपत्ति विधेयक बिल में काई प्रावधान हैं.
- इसके अंतर्गत भारत सरकार 1962, 1965 और 1971 युद्ध के बाद और विभाजन के समय
- जो लोग पाकिस्तान या चीन पलायन कर चले गए थे.
- उनकी जमीन यहाँ पर ज़ब्त कर ली जायेगी.
- भारत में रह रहे उन नागरिकों के उत्तराधिकारियों का भी
- उस सम्पत्ति पर कोई हक नहीं होगा.
- इस नियम की वजह से मुस्लिम समुदाय सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहा है.
- सुप्रीम कोर्ट ने राजा महमूदाबाद की संपत्ति लौटाकर ये नया अध्यादेश जारी किया था.
- इस नियम पर काफी माथापच्ची की गयी है.
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