राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सह-संस्थापक व पूर्व लोकसभा स्पीकर पी.ए.संगमा का हृदयगति रुक जाने के कारण निधन हो गया। संगमा 68 वर्ष के थे। उन्हें हार्ट अटैक के बाद आरएमएल हॉस्पिटल ले जाते वक़्त रस्ते में उनकी मौत हो गयी। लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने इस खबर की सूचना सदन को दी, जिसके बाद लोकसभा सदन को दिन भर के लिए स्थगित कर दिया गया।
प्रधानमंत्री एवं अन्य माननीयों ने जताया शोक:
पूर्व लोकसभा स्पीकर संगमा के निधन पर लोकसभा सदन को एक दिन के लिए स्थगित कर दिया है। लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा की, ‘हँसते हुए संसद चलाना कोई संगमा जी से सीखे’। कुछ महत्वपूर्ण राजनीतिक हस्तियों द्वारा संगमा के निधन पर गहरा शोक जताया गया-
प्रेसिडेंट प्रणब मुखर्जी ने कहा- ‘पूर्व लोकसभा स्पीकर और मेघालय के पूर्व सीएम पीए संगमा के निधन की खबर सुनकर दुख हुआ। मेरी हार्दिक संवेदनाएं।
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा- ‘पीए संगमा एक सेल्फ मेड लीडर थे। नॉर्थ-ईस्ट के डेवलपमेंट में उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।’
राजनाथ ने ट्वीट कर कहा- ‘वे एक सम्मानित सांसद और अच्छे इंसान थे। उनका जाना दुखद है। उनकी आत्मा को शांति मिले’।
राजनीतिक जीवन:
1973 में पी.ए. संगमा प्रदेश युवा कांग्रेस समिति के अध्यक्ष बने। कुछ समय बाद ही उन्हें इस समिति का महासचिव बना दिया गया। 1975 से 1980 तक पी.ए. संगमा प्रदेश कांग्रेस समिति के महासचिव रहे। वर्ष 1977 के लोकसभा चुनावों में पी.ए. संगमा तुरा निर्वाचन क्षेत्र से जीत दर्ज करने के बाद पहली बार सांसद बने। चौदहवीं लोकसभा चुनावों तक वह इस पद पर लगातार जीतते रहे। हालांकि नौवीं लोकसभा में वह जीत दर्ज करने में असफल रहे थे। 1988-1991 तक वे मेघालय के मुख्यमंत्री भी रहे। 1999 में कांग्रेस से निष्काषित होने के बाद उन्होंने नेशनल कांग्रेस पार्टी की स्थापना की। शरद पवार द्वारा आईएनसी को समर्थन दिए जाने के कारण पी.ए. संगमा ने अपनी पार्टी का ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस पार्टी में विलय कर नेशनलिस्ट तृणमूल कांग्रेस की स्थापना की। 2006 में नेशनल कांग्रेस पार्टी के प्रतिनिधि के तौर पर संसद पहुंचे। वर्तमान में वे पार्टी के महासचिव पद पर कार्यरत थे।
sangma ji ke nidhan ka bahut dukh huaa…..