पीएम मोदी ने बड़ा फैसला लेते हुए कालाधन पर लगाम लगाने के लिए 500 और 1000 रुपये (500-1000 note) के नोट बंद करने का ऐलान किया है. ये नियम आज आधी रात से लागू हो जाएंगी. आतंकवाद और जाली नोटों के जाल से देश को तबाह करने वालों के खिलाफ सरकार ने फैसला लिया है. काले धन को लेकर अब तक का सबसे बड़ा फैसला माना जा रहा है. लेकिन इसके साथ ही देश में अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया है. लोगों के पास जो नकदी पड़ा है वो उनके लिए दिक्कत की वजह बन गया है.
जानिए कैसे बदले जा सकेंगे पुराने नोट:
जाली नोटों के कारोबार पर बोले पीएम:
- आतंकियों को फंड कौन दे रहा है?.
- सीमा पार से जाली नोटों से फंडिंग हो रही.
- देश को जाली नोटों का जाल तबाह कर रहा है.
- कालेधन के लिए SIT का गठन किया.
- कालेधन वापस लाने को समझौतों में परिवर्तन किया.
- इसलिए कालेधन के लिए मजबूत कानून बनाया .
- ढाई साल में भ्रष्टाचारियों से सवा लाख करोड़ बाहर लाए.
- आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई होनी चाहिए.
- जाली नोट,भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक लड़ाई होनी चाहिए.
- कैश के सर्कुलेशन का संबंध भ्रष्टाचार से है.
- भ्रष्टाचार की मार गरीब, मध्यम वर्ग झेलते हैं.
- मकान खरीदने के लिए कैश ज्यादा मांगा जाता है.
- भ्रष्टाचार हवाला कारोबार को भी बल देते हैं.
इन बातों का रखें खयाल:
- आज रात 12 बजे के बाद 500-1000 के नोट बंद होंगे.
- आप किसी भी बैंक या डाकघर में अपना पहचान पत्र दिखाकर 4000 रुपये तक के नोट बदल सकते हैं.
- 9 और 10 नवंबर को एटीएम बंद रहेंगे.
- 9 नवंबर को बैंक बंद रहेंगे
- 30 दिसंबर 2016 तक किसी भी बैंक में जाकर पुराने 500 और 1000 के नोट बदल सकते हैं.
- मार्च 2017 तक आप RBI में जाकर नोट बदल सकते हैं.
- 11 नवंबर की रात 12 बजे तक सरकारी अस्पताल, पेट्रोलपंप, हवाई टिकट जैसी जगहों पर ये पुराने नोट लिए जाएंगे.
- आरबीआई ने साफ बताया है कि नए नोट 500 और 2000 रुपये के होंगे.
- 10 नवंबर से 30 दिसंबर तक बैंक और प्रमुख डाकघरों में जमा कराकर वैध रकम ले सकते हैं.
- इसके लेन लोगों को बैंक में पैन कार्ड और पहचान पत्र दिखाने होंगे.
छोटे कामगारों पर पड़ेगा असर (500-1000 note) :
- इस घोषणा के बाद छोटे बड़े सभी उद्योगों को नुकसान होगा।
- लेकिन बड़ा नुकसान उन्हें है जिनके घर शादी या कोई अन्य कार्यक्रम है।
- उन लोगों के पास जो पैसा है अब वो उनके लिए मुसीबत बन गया।
- पेट्रोल पम्प पर लोगों ने पैसे लेने से इंकार कर दिया है।
- छोटी-छोटी जरूरतों के लिए लोगों को अब परेशानियां झेलनी पड़ रही है।