गोधरा में 27 फरवरी, 2002 को साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 कोच में आग लगाये जाने की घटना में 59 लोग मारे गये थे, जिसमें अधिकतर कारसेवक थे जो अयोध्या से लौट रहे थे। इस घटना के बाद पूरे राज्य में बड़े स्तर पर सांप्रदायिक दंगे भड़क गये थे।
गोधरा कांड के मुख्य आरोपी इमरान बटुक को गिरफ्तार कर लिया गया है और ये 14 साल से फरार चल रहा था।अहमदाबाद की क्राइम ब्रांच ने उसे मालेगांव से गिरफ्तार किया। 2002 में गुजरात के गोधरा स्टेशन में साबरमती एक्सप्रेस की जिस बोगी में आग लगाई गई थी, उस पर पेट्रोल छिड़कने वाला इमरान ही था। फरार होने के बाद इमरान महाराष्ट्र के अलग-अलग इलाकों में छिपकर रह रहा था और उसका मुख्य ठिकाना मालेगांव था।
पुलिस को सुचना मिली थी कि ईद के मौके पर इमरान मालेगांव आया हुआ है, जिसके बाद पुलिस ने छापा मारकर इमरान को दबोच लिया। पुलिस के अनुसार गोधरा में मुस्लिम सोसायटी में रहने वाला भाटुक गोधरा कांड का मुख्य आरोपी है और उसने कुछ अन्य आरोपियों के साथ मिलकर ट्रेन के एस-6 कोच में अंदर जाकर पेट्रोल छिड़का और और बाहर से उसमें आग लगा दी गयी थी।
अपराध शाखा के संयुक्त पुलिस आयुक्त जे के भट्ट के अनुसार, पूर्व नियोजित साजिश के तहत ट्रेन को चेन खींचकर गोधरा स्टेशन पर रोका गया था और उसके बाद भाटुक और कुछ अन्य आरोपियों ने दो कोचों के बीच के जोड़ को काट दिया और पेट्रोल छिड़कने के लिए एस-6 कोच में घुस गये। उनके पास 160 लीटर पेट्रोल था जिससे उन्होंने बोगियों में आग लगा दी थी।
भट्ट ने कहा कि पूछताछ के बाद भाटुक को विशेष जांच दल को सौंप दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि मामले में चार से पांच आरोपी सलीम पानवाला, रफीक भाटुक, शौकत लालू और कुछ अन्य को अभी नहीं पकड़ा जा सका है।
बता दें गोधरा कांड में 31 दोषियों को सजा हो चुकी है। इनमें दस आरोपियों को फांसी और 20 को उम्रकैद की सजा सुनाई जा चुकी है।