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पिछले साल के बजट में घोषित महत्वकांक्षी गोल्ड बॉन्ड योजना की सफलता से उत्साहित सरकार इसे अब हर महीने जारी करने की योजना बना रही है।
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इसे आकर्षक बनाने के लिए वर्ष 2016-17 के बजट में गोल्ड बॉन्ट की परिपक्वता पर कैपिटल गेन टैक्स से छूट की घोषणा की जा चुकी है।
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आगामी वित्त वर्ष के दौरान गोल्ड बॉन्ड को हर महीने जारी करने की योजना को अन्तिम रूप दिया जा सकता है।
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गोल्ड बॉन्ड योजना से अबतक करीब 5,000 किलो सोने की भौतिक खरीद को कम किया जा चुका है।
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29 फरवरी को वित्त मंत्री जेटली ने कहा था कि गोल्ड बीमा योजना 2015 के तहत गोल्ड बॉन्ड भुनाने वाले व्यक्ति को छूट देने का प्रस्ताव किया जाता है।
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सरकारी गोल्ड बॉन्ड के ट्रांसफर पर भी किसी व्यक्ति को होने वाले दीर्घकालिक कैपिटल गेन के सूचीकरण के फायदे मिलेंगे।
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 5 नवम्बर को गोल्ड बॉन्ड योजना को जारी किया था।
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इसके तहत निवेशक एक साल में कम से कम 2 ग्राम और अधिकतम 500 ग्राम सोने के बराबर बॉन्ड खरीद सकते हैं।
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इस बॉन्ड की अवधि 8 साल की है, लेकिन इसे 5 साल में भी निकाला जा सकता है।
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सरकार ने पहली बार गोल्ड बॉन्ड के लिए 5 से 20 नवम्बर 2015 तक आवेदन मांगे थे, जिसमें 62,169 लोगों ने आवेदन किया था।
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915.95 किलो सोने के बराबर आवेदन होने से सरकार को करीब 246.30 करोड़ रूपये मिले थे।
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सरकार ने इसके बाद गोल्ड बॉन्ड के लिए 18 से 22 जनवरी 2016 तक आवेदन मांगे थे, जिसमें 3.16 लाख लोगों ने आवेदन किया था।
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इस दूसरे निर्गम में 2872.70 किलो सोने के बराबर आवेदन होने से सरकार को करीब 746.80 करोड़ रूपये मिले थे।
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इस माह की 8 से 14 तक लिए गये आवेदन से सरकार को 329 करोड़ रूपये मिले, इसमें 64,000 लोगों ने 1,128 किलो सोने के बराबर आवेदन किया।
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