फरवरी में पेश होने वाले बजट में बैंक डिपॉजिटर्स को सरकार राहत दे सकती है.10 हजार तक की लिमिट बड़ा सकती है सरकार.सूत्रो के अनुसार वित्त मंत्री 20 साल पहले तय की गई इस लिमिट को बड़ा सकते है.
वित्त मंत्री बड़ी राहत दे सकते है…
वित्त मंत्री अरुण जेटली फरवरी में पेश होने वाले बजट में बैंक डिपॉजिटर्स को बड़ी राहत दे सकते हैं. इसके तहत 10 हजार रुपए की लिमिट सरकार बढ़ा सकती है. अभी अकाउंट होल्डर्स को बैंक में डिपॉजिट पैसे पर 10 हजार रुपए से ज्यादा ब्याज मिलने पर इनकम टैक्स देना पड़ता है. सूत्रों के अनुसार, वित्त मंत्री करीब 20 साल पहले तय की गई इस लिमिट में इजाफा कर सकते हैं. जिससे कि एक बड़े क्लास को राहत मिल सके.
आम बजट 2018
मौजूदा इनकम टैक्स नियमों के मुताबिक, किसी भी बैंक अकाउंट होल्डर्स को 10 हजार रुपए से ज्यादा ब्याज पर इनकम टैक्स चुकाना होता है. दस हजार रुपए का कैलकुलेशन उसके सभी तरह के अकाउंट्स पर मिलने वाले ब्याज राशि को जोड़कर किया जाता है. यानी अगर किसी व्यक्ति का बैंक में सेविंग अकाउंट, एफडी, आरडी जैसे अलग अकाउंट है, तो ब्याज का कैलकुलेशन सभी अकाउंट पर मिले ब्याज का टोटल कर किया जाता है. अगर फाइनेंशियल ईयर में यह राशि 10 हजार रुपए से ज्यादा होती है तो एक्स्ट्रा राशि को अकाउंट होल्डर्स की इनकम माना जाता है. सूत्रों के अनुसार फरवरी में पेश होने वाले आम बजट 2018 में सरकार इस लिमिट को बढ़ा सकती हैं.
बैंको की डिमांड
इस संबंध में बैंकों ने सरकार से कहा है कि इस लिमिट को बढ़ाया जाय। ऐसा इसलिए है क्योंकि 10 हजार रुपए तक टैक्स छूट की लिमिट साल 1997 में तय की गई थी। जिसे अब बढ़ाया जाना चाहिए। ऐसा इसलिए है कि 20 साल में इन्फ्लेशन और ब्याज दरों को देखते हुए
बैंकों में इस तरह जमा है पैसा
अकाउंट |
कुल अकाउंट |
कुल जमा |
औसत रकम |
एफडी और आरडी |
23.9 करोड़ |
|
254391 रु |
सेविंग अकाउंट |
135.1 करोड़ |
27 लाख करोड़ |
19759 रु |
करंट अकाउंट |
5.7 करोड़ |
9 लाख करोड़ |
1,51,163 रु |
1.61 लाख रु रखने वाले को भी देना पड़ता है टैक्स
1 फरवरी को पेश होगा आम बजट
मौजूदा प्रावधान के अनुसार, अगर अभी कोई व्यक्ति बैंक 1.61 लाख रुपए की भी एफडी एक साल के लिए करता है, तो उस पर दस हजार रुपए से ज्यादा का ब्याज बन जाता है। ऐसे में उस पर इनकम टैक्स की देनदारी बनती है। आम तौर मिडिल क्लास फैमिली में किसी भी अकाउंट होल्डर्स के पास सेविंग अकाउंट के साथ-साथ एक-दो लाख रुपए की एफडी होती ही है। जिससे उस पर आसानी से टैक्स देनदारी बन जाती है.