नोटबंदी पर विपक्षी दलों ने आज भी लोकसभा में नारेबाजी की और हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई. लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने चर्चा किसी नियम के दायरे में कराने की बजाय शून्यकाल के तहत कराने का सुझाव दिया और इस मुद्दे पर सदन में 12 दिनों से बने गतिरोध को समाप्त करने का प्रयास किया, लेकिन इसका कोई परिणाम नहीं निकला.

सरकार नहीं है मतविभाजन को तैयार :

  • हाल ही में संसद में संग्राम के दौरान कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल ने आयकर संशोधन बिल पर अपना पक्ष रखा.
  • जिसमे उन्ह्पोने कहा कि चोरों को फायदे के लिए सरकार ने फिफ्टी-फिफ्टी का फॉर्मूला दिया है.
  • आपको बता दें कि आज कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और राजद के नेताओं ने अपने रुख में थोड़ा बदलाव किया.
  • जिसके बाद उन्होंने भी अपना पक्ष रखते हुए सरकार से कुछ बातें मनवाने कि कोशिश की.
  • जिसके अनुसार यदि नियम 56 के तहत चर्चा के लिए सहमति नहीं बन रही है.
  • तो सरकार भी नियम 193 के तहत चर्चा के अपने रुख से पीछे हटे.
  • इसके साथ ही किसी ऐसे नियम में चर्चा कराई जाए जिसके बाद मतविभाजन हो सके.
  • जिसके बाद सरकार ने तुरंत चर्चा शुरू करने पर सहमति जताई लेकिन मतविभाजन को तैयार नहीं दिखी.
  • वित्त मंत्री अरण जेटली ने कहा कि जनता की परेशानी पर अलग मत नहीं हैं.
  • इसके साथ ही सभी जनता की परेशानियों को दूर करना चाहते हैं.
  • इसलिए तत्काल चर्चा शुरू हो जानी चाहिए.
  • लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि वह शून्यकाल शुरू करने के लिए कह चुकी हैं.
  • दोनों ही पक्ष एक दूसरे के सुझाये नियमों को स्वीकार नहीं कर रहे हैं.
  • इसलिए ऐसा हो सकता है कि सब नियमों को अलग रखकर शून्यकाल के तहत चर्चा शुरू कर दी जाए.

 

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