सरकार तीन लाख रूपये से ज्यादा के नकदी लेन-देन पर रोक लगाने जा रही है। भारतीय अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर रहे काले धन को रोकने के लिए सरकार विशेष जांच दल (एसआईटी) की सिफारिशों को लागू कर सकती है।
- सुप्रीम कोर्ट की तरफ से कालाधन की जांच को लेकर नियुक्त एसआईटी ने 3 लाख से ज्यादा के नगद लेन-देन पर बैन लगाने की सिफारिश की थी।
- सूत्रों के मुताबिक उद्योग-व्यापार जगत के विरोध के बीच सरकार को एसआईटी के एक और सुझाव पर फैसला करना है।
- जिसमें 15 लाख रूपये से अधिक नकदी रखने पर भी बैन लगाने की बात कही गई है।
- ‘’डर इस बात का है कि कहीं इससे टैक्स अधिकारियों को प्रताड़ना का सामना न करना पड़े।
- साथ ही कानून का उलंघ्घन करने पर सजा के प्रावधान की अपील भी एसआईटी ने की थी।
- मालूम हो कि कालाधन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मई 2014 में जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था।
- सेवानिवृत्त न्याधीश एम.बी.शाह इसके अध्यक्ष हैं, जबकि सेवानिवृत्त न्याधीश अरिजित पसायत उपाध्यक्ष हैं।
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प्लास्टिक मनी को प्रोत्साहनः
- काला धन के खिलाफ लगातार अभियान जारी रहने के बाद भी कई मामले सामने आये हैं।
- एसआईटी ने ज्वैलरी और कार की खरीद में नकदी के लेन-देन के कई मामले पकड़े हैं।
- इसके साथ ही सरकार प्लास्टिक मनी के इस्तेमाल को भी बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है।
- 3 लाख रूपये की सीमा तय करने का कारण यही है कि क्रेडिट कार्ड या डेबिड कार्ड या फिर चेक के द्वारा लेन-देन हो सके।
- ऐसा करने पर होने वाले लेन-देन का आसानी से पता भी लगाया जा सकेगा।
- इसी के तहत सरकारी सेवाओं के लिए ट्रांजैक्शन चार्ज नहीं लेने की घोषणा की गई है।
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