सुप्रीम कोर्ट के एक अहम फैसले में महिला और बाल विकास मंत्रालय को चार महीने में ये फैसला लेने को कहा है कि नाबालिग पत्नी के साथ शारीरिक संबंध बनाना अपराध है या नहीं.
याचिकाकर्ताओं से कहा अगर फैसले से ना हो संतुष्ट तो फिर करें अपील
- सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा की चार महीने में सरकार इस मुद्दे पर अपनी राय तय करे.
- शारीरिक संबंध के तहत बने कानूनों पर हर तरह से कशमकश दूर कर स्तिथि साफ़ करने को कहा है.
- Protection of Children from Sexual Offences Act यानी पॉक्सो के अंतर्गत ऐसे मामलों को अपराध माना जता है.
- आईपीसी की धारा 375 में पन्द्रह साल से बड़ी लड़की से सम्बन्ध बनाना अपराध नहीं माना गया है.
- याचिका में दायर अपील में इसी कानून पर असमंजस की स्थिति ज़ाहिर की है.
संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 21 में इस प्रवधान को कानून का उल्लंघन करार दिया गया है.
- इस मामले पर महिला और बाल विकास मंत्रालय को नोटिस भेजा गया है.
- महिला आयोग को भी नोटिस भेज इस पक्ष में राय मांगी है.
- चार महीने बाद इस क़ानून पर जारी कशमकश पर विराम लगेगा.
- देश में करोड़ों की जनसंख्या में लड़कियां है उनके लिए यह फैसला बेहद अहम रहेगा.
- महिला आयोग इस फैसले पर क्या राय रखते हैं ये भी देखने वाली बात होगी.
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