बीते दिनों केंद्र सरकार द्वारा मुस्लिम औरतों को उनका हक़ दिलाने हेतु एक कड़ा रुख अपनाया गया था। जिसके बाद अब AIMPLB ने इसपर अपना जवाब दिया है।
मुस्लिम पर्सनल लॉ में हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं करेंगे :
- बीते दिनों सरकार के कड़े रुख के बाद अब ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का जवाब आया है।
- AIMPLB के सदस्य जफरयाब जिलानी के अनुसार शरीया कानून को बदला नहीं जा सकता।
- इसके साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार तीन तलाक के मुद्दे पर जनमत संग्रह करा सकती है।
- यूपी के मुजफ्फरनगर में बीती शाम को एक आयोजन के दौरान जिलानी ने बयान दिया।
- इस बयान के तहत उन्होंने बताया कि 90 फीसदी मुस्लिम महिलाएं शरीया कानून का समर्थन करती हैं।
- इसके अलावा उन्होंने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ में मुसलमान कोई हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं करेंगे।
- जफरयाब जिलानी ने कहा कि यह समान नागरिक संहिता लागू करने की एक साजिश है।
- बहरहाल उन्होंने कहा कि इस्लाम में तलाक को अप्रिय कृत्य समझा जाता है।
- इसके साथ ही इसे हतोत्साहित किया जाता है।
- भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव पर भी उन्होंने बयान दिया।
- उनके अनुसार पड़ोसी देश को सबक सिखाने के लिए हर मुस्लिम देश के साथ है।
- उन्होंने कहा कि पाक अपने ही षड्यंत्र से प्रभावित है, पाकिस्तानी मस्जिदें भी आतंकी हमलों से सुरक्षित नहीं हैं।
- आपको बता दें कि केंद्र ने बीते दिनों तीन तलाक, निकाह हलाला व बहुविवाह पर सुप्रीम कोर्ट में विरोध किया था।
- इसके साथ ही लैंगिक समानता और धर्मनिरपेक्षता जैसे आधारों पर पुनर्विचार के पक्ष में राय जाहिर की थी।
- आपको बता दें कि तीन तलाक से मतलब एक साथ तीन बार ‘तलाक’ बोलने से है।
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