गुजरात: इस रविवार गुजरात के अरावली जिले के बायद टाउन में नौ जोड़ों का एकसाथ डिजिटल विवाह होगा.ये विवाह कई मायनों में ख़ास इस तरह होगा.शादी में सभी खर्चों को डिजिटल मोड से किया जाएगा.पंडित से लेकर खाने वाले,बंद बाजा बारात में जो भी खर्चा होगा उसे या तो चेक से या तो डिजिटल तरीके से दिया जाएगा.भारत की ये पहली डिजिटल सामूहिक शादी होगी.
मेहमानों द्वारा पैसे स्वाइप मशीन के ज़रिये लिए जायेंगें
- हर विवाह में लाइन में लगकर अपना नाम दर्ज करवाकर पैसे देने की प्रथा है.
- इस विवाह में स्वाइप मचीन का इंतजाम होगा जिससे मेहमान डिजिटल मोड से पैसे दे सकें.
- श्री वीरमार्य वनकर समाज सुधारक समिति द्वारा विवाह का आयोजन .
हसमुख सक्सेना वीरमार्य वनकर समाज सुधारक समिति के संयोजक
- इस संस्था के संयोजक द्वारा कहा गया कि इस विवाह मे सारा खर्च,लेनदेन,उपहार
- डिजिटल तरीके से किये गए हैं.पंडित को भी पैसे दिज्जित्ल तरीके से ही दिए जायेंगें.
- सबसे बड़ी चुनौती यह है कि दापू ‘, एक पारंपरिक नकद उपहार
- दूल्हे के माता पिता और परिवार द्वारा दुल्हन को दिया जाता है.
- दापु प्रथा को डिजिटल तरीके से करना थोड़ा मुश्किल था.
- फिर परिवार और रिश्तेदारों से बात की गयी.
- 1000-2000 के चेक देने का निर्णय लिया गया.
- देश के विकास के लिए हर किसी ने इस बात पर हामी भरी ये सबसे बड़ी बात है.
- भारत को कैशलेस राज्य का दर्जा दिलवाने की ये कवायद बेहद ऐतिहासिक है.
- जब कैशलेस माध्यमों को प्रयोग ज्यादा से ज्यादा होगा तो देश से भ्रष्टाचार खत्म होगा.
नाथाभाई चौहान को नहीं आता था डिजिटल तरीकों का प्रयोग करना
- 28 वर्षीय रमेश जिसका विवाह मीना के साथ इस सामूहिक विवाह में होना है.
- रमेश के पिता नाथाभाई चौहान को एटीएम का प्रयोग करना नहीं आता था.
- वो शुरू में इस विवाह के खिलाफ थे.उन्हें डिजिटल तरीके से शादी कराने का तरीका बेहद कठिन लग रहा था.
- लेकिन लोगों द्वारा समझाए जाने पर और एटीएम का प्रयोग जान जाने पर वो सहमत हो गए.
- भारत के इतिहास में ये पहला सामूहिक डिजिटल विवाह होगा.
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