गुजरात हाई कोर्ट का तीन तलाक के तहत एक मामले पर आदेश आया है.हाई कोर्ट ने एक फैमिली कोर्ट से कहा है.कि मुस्लिम महिलाओं के आवेदन पर तेज़ी से फैसला हो ख़ासकर उन मामलों में जिनपर तीन तलाक का मामला हो.एक महिला द्वारा याचिका दायर की गयी थी कि उसके पति ने उसे औपचारिक न तलाक दिया था.
औपचारिक और कानूनन तीन तलाक
- एक मामला कोर्ट में सामने आया जहां दम्पत्ति ने आपस में
- तीन तलाक के तहत तलाक ले लिया पर निचली अदालत ने इसे
- वैध ना मानते हुए कानूनन करार नहीं दिया.
- आवेदक रशीदाबेन को तलाक के दस्तावेज़ देने से मना कर दिया.
- न्यायमूर्ति सोनिया गोकानी की अध्यक्षता में इस फैसले को निरस्त किया गया है.
- साथ ही इस मामले में आठ सप्ताह के भीतर नया फैसला देने को कहा है.
साल 2002 में हुई थी शादी
- रशीदाबेन और अब्बास लातीवाला का निकाह साल 2002 में हुआ था.
- 2010 से दोनों अलग रह रहे थे साल 2015 में औपचारिक तीन तलाक के बाद
- मुकदमा दायर किया गया था जहाँ पर मुकदमा अवैध करार दिया गया था.
- अब्बास द्वारा इस दावे का समर्ठं किया गया.
- आपसी तलाक को अबास ने सही माना है.
- हालांकि कोर्ट द्वारा 25 जनवरी को इस फैसले को निरस्त कर दिया गया.
- अब इस केस की सुनवाई नए सिरे से होगी और फिर फैसला आएगा.
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