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गुजरात: गुलबर्ग सोसाइटी केस में कोर्ट ने 24 आरोपियों को दोषी माना, 36 निर्दोष

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गुजरात दंगों के दौरान हुए गुलबर्ग सोसाइटी हत्याकांड में विशेष अदालत ने आज अहम फैसला सुनाते हुए 24 आरोपियों को दोषी करार दिया है, जबकि  36 को निर्दोष मानते हुए बरी कर दिया है। बरी किए गए लोगों में बीजेपी के पार्षद बिपिन पटेल भी शामिल हैं।

विशेष अदालत ने जिन 24 लोगों को दोषी करार दिया है उनमें 11 को हत्या का दोषी माना है और इनको सजा सुनाई जाएगी। दोषियों की सजा का ऐलान सोमवार 6 जून को होगा। विशेष कोर्ट ने अपने दिए गए फैसले में दंगों के पीछे किसी साजिश की बात नहीं मानी।

कोर्ट के फैसले पर जाकिया जाफरी ने कहा कि वह इससे संतुष्ट नहीं हैं। जाफरी ने कहा कि उन्हें आधा न्याय मिला है और ये लड़ाई जारी रहेगी। 14 साल बाद फैसला आया है, 15 साल और लगेंगे लेकिन हम लड़ते रहेंगे।

इस मामले में एसआईटी ने 66 आरोपियों को नामजद किया था, जिनमें से 9 आरोपी पिछले 14 साल से जेल में हैं, इनमें से चार की पहले ही मौत हो चुकी है। जबकि बाकी आरोपी जमानत पर रिहा हैं। 2002 में दंगों के वक्त भी बिपिन पटेल निगम पार्षद थे। पिछले साल उन्होंने लगातार चौथी बार जीत दर्ज की। विशेष अदालत ने बिपिन पटेल को बरी कर दिया है।

बता दें कि 27 फरवरी 2002 को गोधरा में ट्रेन में कुछ लोगों ने आग लगा दी जिससे 59 लोगों की जिंदा जलकर मौत हो गई थी। इसके बाद गुजरात में दंगे भड़क गए थे और सैकड़ों लोगों की जानें गयी थी। इन दंगो के दौरान ही दंगाइयों ने 28 फरवरी, 2002 को 29 बंगलों और 10 फ्लैट वाली गुलबर्ग सोसाइटी पर हमला कर दिया, जिसमें कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी समेत 69 लोगों की जान गई थी। जबकि 39 लोगों की लाशें ही बरामद हो पाई थी। बाकी 30 को कोई जानकारी न मिलने पर 7 साल बाद मृत मान लिया गया। 

इस मामले में गुजरात पुलिस और गुजरात हाईकोर्ट के जाँच आगे ना बढ़ाने के फैसले के बाद याचिकाकर्ता ज़किया जाफरी और एहसान जाफरी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। मार्च 2009 में जकिया की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने SIT को जाँच का जिम्मा सौंपा था और उसके बाद सितंबर 2009 में ट्रायल कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई थी।

याचिका में गुलबर्ग सोसाइटी हत्याकांड के लिए उस तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा कई मंत्रियों और पुलिस अधिकारियों को ज़िम्मेदार ठहराया गया था। नरेंद्र मोदी को लम्बी पूछताछ के बाद क्लीन चीट दे दी गई थी और कोर्ट ने माना था कि नरेंद्र मोदी के खिलाफ कोई सबूत नहीं है।

पढ़ें : गोधरा कांड में ट्रेन जलाने का मुख्य आरोपी गिरफ्तार

 

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