हर साल बजट आने से पहले हलवा सेरेमनी होती है। हलवा सेरेमनी वास्तव में बजट प्रक्रिया के अंतिम लेकिन सबसे अहम चरण की शुरुआत है. इसका अंत वित्त मंत्री के बजट भाषण से होता है. बजट 2018 से पहले इस बार भ्ाी आज हलवा सेरेमनी की विधिवध शुरुआत हो गई है.
हलवा बनाकर सेरेमनी हुई शुरुवात:
आपको बता दें कि अब से थोड़ी देर पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने हलवा बनाकर बजट के दस्तावेजों की छपाई का काम शुरू किया। इसी सेरेमनी के साथ प्रिंटिंग प्रेस के तमाम कर्मचारियों समेत वित्त मंत्रालय के 100 अधिकारी बजट पेश होने तक नजरबंद हो जाएंगे। इस बार केंद्र सरकार 1 फरवरी को आम बजट पेश करेगी।
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आम बजट – हलवा सेरेमनी (Halwa Ceremony):
भारतीय परंपरा के अनुसार किसी भी शुभ काम की शुरुआत मीठे के साथ होती है।
यह पुरानी परंपरा रही है, जो बजट की प्रिंटिंग की शुरुआत में होती है।
वित्त मंत्री खुद प्रिटिंग से जुड़े कर्मचारियों और अधिकारियों को हलवा बांटकर प्रिंटिंग प्रोसेस की औपचारिक शुरूआत करते हैं।
सेरेमनी के बाद करीब 100 कर्मचारी नॉर्थ ब्लॉक में बने प्रिटिंग प्रेस में अगले कुछ दिन तक रहते हैं।
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क्या है हलवा सेरेमनी और क्या है इसकी परंपरा?
यह बजट दस्तावेजों की छपाई से पहले की एक रस्म है और पारंपरिक रूप से मनाई जाती है। कहते हैं कि परंपरा के मुताबिक हलवा खुद वित्त मंत्री बजट से जुड़े सभी लोगों को बांटते हैं ।
बजट दस्तावेजों की छपाई की शुरुआत से पहले हलवा सेरेमनी काफी लंबे समय से मनाई जाती रही है। इस रस्म के तहत एक बड़ी सी कढ़ाई में हलावा तैयार किया जाता है जिसे मंत्रालय के सभी कर्मचारियों के बीच बांटा जाता है ।
हलवा बांटे जाने के बाद वित्त मंत्रालय के ज्यादातर अधिकारी और कर्मचारियों को मंत्रालय में ही पूरी दुनिया से कट कर रहना होता है। इन्हें नार्थ ब्लॉक में बजट प्रेस में ही रखा जाएगा।
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हलवा सेरेमनी के बाद ‘लॉक इन’ बजट तैयार करने की प्रक्रिया को गोपनीय रखने के लिए किया जाता है ।
ये वे कर्मचारी जो प्रत्यक्ष तौर पर बजट बनाने से लेकर उसकी प्रिंटिंग की प्रक्रिया से जुड़े होते हैं. लोकसभा में वित्त मंत्री द्वारा बजट पेश किए जाने तक ये कर्मचारी अपने परिवार से फोन पर भी संपर्क नहीं कर सकते. इस रस्म के बाद वित्त मंत्रालय के सिर्फ अति वरिष्ठ अधिकारी को ही अपने घर जाने की अनुमति मिलती है.
बजट बनाने की प्रक्रिया में लगे 100 अधिकारी:
हलवा बांटे जाने के बाद वित्त मंत्रालय के ज्यादातर अधिकारी और कर्मचारियों को मंत्रालय में ही पूरी दुनिया से कट कर रहना होता है. बजट बनाने की प्रक्रिया में लगे 100 अधिकारी 2-3 सप्ताह तक नॉर्थ ब्लॉक में रहते हैं. वे वहां तब तक रहते हैं जब तक वित्त मंत्री बजट वाले दिन अपना भाषण खत्म नहीं कर लेते.
इस दौरान ये बाहरी दुनिया से पूरी तरह से कटे हुए होते हैं. एक जानकारी के मुताबिक, यहां तक कि वे अपने परिवारों के संपर्क में भी नहीं होते. उनके पास केवल एक फोन होता है जिसके जरिए वे केवल कॉल रिसीव कर सकते हैं, मगर कहीं कॉल कर नहीं सकते हैं. बजट पत्र वित्त मंत्रालय के निजी प्रेस में छपते हैं.
वित्त मंत्री बजट के दौरान जिन दस्तावेजों को पढ़ता है उसकी बाकायदा दो भाषाओं में (हिंदी और अंग्रेजी) छपाई की जाती है। इस छपाई प्रक्रिया से पहले एक रस्म अदायगी की जाती है जिसे हलवा रस्म कहते हैं। एक बड़ी कढ़ाही में हलवा तैयार कर मंत्रालय के सभी कर्मचारियों के बीच इसे बांटा जाता है।
बजट पेश करने से पहले फाइनेंस मिनिस्टर कुछ दस्तावेज पढ़ते हैं. इन दस्तावेजों की प्रिटिंग शुरू होने से पहले नॉर्थ ब्लॉक में ‘हलवा समारोह’ बनाया जाता है जिसके बारे में कहते हैं कि इसे वित्त मंत्री खुद तैयार करते हैं और इसे बजट में लगे सभी कर्मियों में बांटा जाता है. एक बड़ी कड़ाही में इसे तैयार किया जाता है.
बजट जारी होने तक अलग रहते हैं कर्मचारी:
बजट की प्रिंटिंग भारत के सबसे गुप्त ऑपरेशंस में एक मानी जाती है। बजट से जुड़ी जानकारियां काफी अहम होती हैं और इनके लीक होने से सरकार पर सवाल खड़े हो सकते हैं। हलवा सेरेमनी के साथ ही बजट की प्रिंटिंग से जुड़े कर्मचारी अगले कुछ दिनों तक दुनिया भर से अलग-थलग रहते हैं।
इस दौरान वे न किसी से मिल सकते हैं न ही किसी से बात कर सकते हैं, यहां तक कर्मचारी अपने परिवार से भी बात नहीं करते हैं । बेसमेंट में सिर्फ एक लैंडलाइन रखा जाता है, जिसमें सिर्फ इनकमिंग कॉल सुविधा रहती है। इसके साथ ही चुनिंदा अधिकारियों के अलावा यहा किसी को भी आने की अनुमति नहीं होती।