केंद्रीय पर्यावरण मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि भारत ने पेरिस समझौता अमेरिका से फंड हासिल करने के लिए नहीं बल्कि आने वाली पीढ़ियों का भविष्य सुधारने के लिए किया था।
भविष्य सुधारने के लिए किया था पेरिस समझौता-
- केंद्रीय पर्यावरण मंत्री हर्षवर्धन ने बताया कि अमेरिकी फंडिंग के लिए पेरिस समझौता नहीं किया था।
- बल्कि आने वाली पीढ़ियों का बेहतर भविष्य के लिया किया था।
- एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि अमेरिका के इस समझौते से अलग होने से भारत पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
- उन्होंने कहा कि भारत पर्यावरण के मोर्चे पर आगे बढ़ता रहेगा।
- बता दें कि कुछ दिन पहले अमेरिका ने 2015 के पेरिस समझौता से किनारा कर लिया।
- अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का कहना है कि इस समझौते से भारत और चीन जैसे विकासशील देशों को फायदा मिलेगा।
कार्बन उत्सर्जन में चीन सबसे आगे–
- चीन पूरी दुनिया में कार्बन उत्सर्जन के मामले में सबसे आगे है।
- कार्बन उत्सर्जन के मामले में दूसरे स्थान पर अमेरिका है।
- अगर बात करें प्रति व्यक्ति कार्बन उत्सर्जन की तो उसमे भारत काफी पीछे है।
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