हरियाणा में गुड़गांव का नाम गुरुग्राम में बदलने के बाद अब प्रदेश सरकार बदलने जा रही है एक और नाम। हरियाणा की बीजेपी सरकार प्राचीनतम मानव सभ्यता अर्थात सिंधु घाटी सभ्यता का नाम बदलने की तैयारी कर रही है।
सफल आयोजन के बाद लिया नाम बदलने का निर्णय:
- प्रदेश सरकार ने इसी साल कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में सरस्वती महोत्सव का आयोजन किया था।
- इस महोत्सव में सरस्वती नदी की एतिहासिकता पर चर्चा का आयोजन किया गया।
- इस चर्चा में देश विदेश से पुरातत्ववेता, इतिहासकार और प्रोफेसर शामिल हुए।
- इस सफल आयोजन के बाद ही सिंधु घाटी सभ्यता का नाम बदलने का निर्णय लिया गया।
ये है पूरा मामला:
- पिछले साल प्रदेश सरकार ने पुरातात्विक खुदाई में सरस्वती नदी के अस्तित्व का दावा किया।
- HSHDB बोर्ड ने खुदाई के स्थल पर पानी छोड़ कर नदी की धारा को पहचानने का काम किया था।
- हरियाणा सरकार की संस्था हरियाणा सरस्वती हेरिटेज डेवलपमेंट बोर्ड (HSHDB) का मानना है।
- चूंकि अब सरस्वती नदी का अस्तित्व दुनिया को पता चल चुका है।
- इसलिए अब सिंधु घाटी सभ्यता का नाम बदलकर सरस्वती नदी सभ्यता रखा जायेगा।
- HSHDB इससे जुड़ी एक सिफारिश सरकार को भेजने वाली है।
- ज्ञात हो कि इस बोर्ड के चेयरमैन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर खुद हैं।
उठ रहे हैं सवाल:
- हरियाणा विधानसभा में बीते दिन बजट सत्र के दौरान भी इस मुद्दे पर चर्चा की गई।
- बीजेपी सरकार को इस मुद्दे पर विपक्षी पार्टियों का काफी विरोध झेलना पड़ा।
- इस मामले में कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल ने पूछा कड़ा सवाल।
- कहा सरस्वती नाम की जिस नदी में पानी डाला जा रहा है उसका स्रोत क्या है ?
- आगे कहा कि क्या सरकार सिर्फ दिखावे के लिए उसमें ट्यूबवेल का पानी डाल रही है?
- इस मुद्दे पर इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला ने भी सरकार के इस कदम पर सवाल उठाया है।