अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने सरकारी नौकरियों में आरक्षण के लिए पांच जून से हरियाणा में फिर से आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है जिसे देखते हुए हरियाणा में सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी गई है।

राज्य के 8 जिलों में धारा 144 लगा दी गई है और आंदोलन को रोकने के लिए खट्टर सरकार हाई कोर्ट में एक याचिका दायर भी करेगी। 

जाट आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष यशपाल मलिक ने सरकार को चेताया है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने अपना वादा पूरा नहीं किया है और इसलिए जाट लोग पांच जून से हरियाणा में जाट न्याय रैली का आयोजन करेंगे। उन्होंने कहा कि वो लोग शांतिपूर्ण ढंग से रैली निकालेंगे लेकिन पुलिस अगर जवाबी कार्रवाई करेगी या हिंसक तरीके से हमलोगों को रोकने की कोशिश करेगी, तो आंदोलनकारी जरुरी कदम उठाने के लिए स्वतंत्र हैं और इसके बाद हालात बिगड़ने पर जिम्मेदारी सरकार की होगी!

हरियाणा पुलिस ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिसकर्मियों और अर्धसैनिक बलों को सोनीपत, रोहतक, झज्जर, जिंद और फतेहाबाद जैसे संवेदनशील स्थानों पर तैनात किया जा रहा है। कानून व्यवस्था की स्थिति खराब होने से रोकने के लिए सीआरपीसी की धारा 144 के तहत जिले में निषेधाज्ञा लागू करने का आदेश जारी किया है। सुरक्षा इसलिए बढ़ाई जा रही है ताकि किसी भी प्रकार के तनावपूर्ण माहौल और जान-माल होने से रोका जा सके।

बता दें की सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण की मांग के समर्थन में बीते फरवरी में जाट समुदाय ने आंदोलन किया था और इस दौरान हुई हिंसा में 30 लोगों की मौत हुई थी, 320 लोग घायल भी हुए थे इसके अलावा तक़रीबन 35 हजार करोड़ की संपत्ति का नुकसान बताया गया था! आंदोलन के दौरान जन-जीवन रुक गया था और राज्य में अराजकता चरम पर थी। इस आंदोलन के बाद हरियाणा के मुख़्यमंत्री खट्टर की नीतियों पर भी सवाल उठे थे और आंदोलन रोकने में राज्य सरकार की असफलता पर आरोप-प्रत्यारोप का लम्बा दौर चला था।

 

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