पीएम नरेन्द्र मोदी ने बीती रात देश में संदेश से बताया कि आधी रात से 500 और 1000 कि नोटों को बंद कर दिया गया हैं .मोदी ने बताया कि 500 और 1000 के नोटों को बंद करने का फैसला गुप्त रखा गया था ताकि कालाधन रखने वाले अलर्ट ना हो जाएं.लेकिन इन नोटों की प्लानिंग बहुत पहले से चल रही थी .अब लोग यह सोच रहें होगें कि आखिर 500 और 1000 के नोटों को बंद करने के पीछे किसका दिमाग इतनी तेजी से काम कर रहा था.
नोटों को बदलने के पीछे चला इस शख्स का तेजी से दिमाग:
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अनिल बोकिला को मुलाकात करने के लिए सिर्फ 9 मिनट के लिए बुलाया था.
- लेकिन मोदी अनिल की बातें दो घंटें तक सुनते रहें.
- जबकि अनिल को राहुल गांधी ने मुलाकात के लिए सिर्फ 15 सेकंड के लिए ही बुलाया था.
- अनिल बोकिला औरंगाबाद के मेकैनिकल इन्जीनियर हैं.
- बताया जा रहा हैं कि अनिल के फैसले पर ही मोदी ने नोटों को बदलने का फैसला लिया हैं.
- इसके मुताबिक बताया गया कि अनिल औरंगाबाद में कई परियोजना में सफल हुए हैं.
- मोदी ने अनिल को 9 मिनट के लिए बुलाया था लेकिन जब भ्रष्टाचार रोकने और नकली मुद्रा के चलने से बचने के लिए सुझाव बताने लगें.
- अनिल की बातों को सुननें के बाद मोदी ने कुछ बातें इनकी मान भी ली हैं .
- अर्थक्राति संस्थान ने सरकार द्वारा दिए गए सुझावों से यह निष्कर्ष निकला हैं कि नगद लेन-देन से होने वाला भ्रष्टाचार पूरी तरह से खत्म होगा.
- अब एक हजार और पांच सौ के नोट सिर्फ कागजी टुकड़े ही रह जाएंगे.
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