हाईकोर्ट ने केबल टीवी नेटवर्क की याचिका पर सुनवाई करते हुए केबल टीवी ऑपरेटरों के एनालॉग सिस्टम को डिजिटल सिस्टम में बदलने की प्रक्रिया पर तीन माह की रोक लगा दी है। इससे पहले अन्य चार राज्यों के उच्च न्यायालयों भी 31 दिसम्बर 2015 के बाद केबल प्रसारण के लिए सेट टॉप बॉक्स को अनिवार्य करने की केंद्र सरकार की अधिसूचना पर रोक लगा चुके हैं। याचियों ने सेट टॉप बॉक्स उपलब्ध नहीं होने के कारण न्यायालय से अंतिम तिथि बढ़ाने की मांग की है।
केंद्र सरकार द्वारा देश भर में अनिवार्य रूप से 31 दिसम्बर 2015 तक सेट टॉप बॉक्स लगाने के निर्देश दिए गए थे। जिसके बाद बिना सेट टॉप बॉक्स के केबल प्रसारण पर पूरी तरह से रोक लगा दी गयी है। न्यायालय ने याचना पर सुनवाई करते हुए केबल टीवी नेटवर्क को अगले तीन महीने तक एनालॉग ही रखने और सभी पक्षकारों को चार सप्ताह में अपना जबाव दाखिल करने का आदेश दिया है। केंद्र सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि केबल ऑपरेटरों की मनमानी और मनोरंजन कर की चोरी रोकने के लिए सेट टॉप को अनिवार्य किया जाना बहुत जरूरी है।
केंद्र सरकार ने केबल प्रसारण के डिजिटलीकरण और आम जनता के हित का हवाला देकर सेट टॉप बॉक्स को अनिवार्य किया था। लेकिन राज्यों के उच्च न्यायालयों द्वारा लगाई गई रोक उसके लिए बाधा बनी हुयी है। जिसके खिलाफ केंद्र सरकार ने विशेष अनुमति के लिए सुप्रीमकोर्ट में याचिका दाखिल करने का निर्णय लिया है।