भारत की मातृभाषा हिंदी को विश्व में पहचान दिलाने के लिए सरकार इन दिनों भरसक प्रयासों में लगी है. जिसके तहत सरकार हिंदी को संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार्यता के लिए कई अहम प्रयासों में जुटी है.
राज्य मंत्री एमजे अकबर ने लोकसभा में दी जानकारी :
- बताया जा रहा है कि इन दिनों सरकार द्वारा हिंदी को महत्ता देने हेतु कई प्रयास किये जा रहे हैं.
- जिसके तहत अब सरकार हिंदी को संयुक्त राष्ट्र की स्वीकार्यता के लिए प्रयास कर रही है.
- बता दें कि सरकार ने इस कार्य को अंजाम देने हेतु चालू वित्त वर्ष में 5.98 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की है.
- बताया जा रहा है कि इस राशि के साथ सरकार दुनिया भर में भाषा का प्रचार-प्रसार करेगी.
- आपको बता दें कि यह सूचना राज्यमंत्री एमजे अकबर द्वारा लोक सभा में दी गयी है.
- उन्होंने यह भी बाते कि गत विश्व हिंदी सम्मेलन का आयोजन 2015 में भोपाल में हुआ था,
- जिसका एक सत्र शीर्षक विदेशी नीतियों में हिंदी पर समर्पित था,
- जिसमें हिंदी को संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषा में से एक के तौर पर पहचान दिलाने की सिफारिश की गई थी.
- जिसके तहत क्रियान्वयन के लिए विदेश मंत्री की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया था.
- इसके अलावा हिंदी को अंतरराष्ट्रीय भाषा के तौर पर प्रोत्साहन देने के लिए विश्व हिंदी सचिवालय फरवरी 2008 में मॉरिसस में भी खोला गया था.
- जिसके बाद अब सभी की निगाहें सरकार के प्रयासों पर टिकी हैं कि कब मातृभाषा को विश्व में पहचान मिलती है.
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