भारत वर्ष में नववर्ष की शुरुआत चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से ही माना जाता है और इसी दिन से ग्रहों, वारों, मासों और संवत्सरों का प्रारंभ गणितीय और खगोल शास्त्रीय संगणना के अनुसार माना जाता है।
- आज भी जनमानस से जुड़ी हुई यही शास्त्रसम्मत कालगणना व्यावहारिकता की कसौटी पर खरी उतरी है।
- इसे राष्ट्रीय गौरवशाली परंपरा का प्रतीक माना जाता है।
- इसी पंचांग में देश हुई और हो रही वर्तमान घटनाओं की भविष्यवाणी पहले ही कर दी गयी थी।
- जी हाँ हम बात कर रहे हैं वर्ष 2016 के पंचांग की।
- जो कि लागू तो हिन्दू नववर्ष से मार्च/अप्रैल से होता है।
- लेकिन ज्योतिषीय गणना के आधार पर बनाया जाता है उससे 6-8 महीन पहले से।
- ये इस साल के लिए अप्रैल 2016 से चालू है और बना था सितम्बर-अक्टूबर 2015 में।
इन घटनाक्रम की पहले ही की जा चुकी थी भविष्यवाणी :
- इसमें साफ साफ सपा के सत्ता संघर्ष, सर्जिकल स्ट्राईक और आतंकवाद, काला धन etc पर नया नियम का जिक्र है।
- बंगाल में होने वाली उठापठक, वजब चुनावों का भी जिक्र है।
- इस पंचांग में बताया गया है कि शासक वर्ग देश के बाहरी एवं आतंरिक शत्रुओं को कुचलने में सफलता प्राप्त करेंगे।
- देश के सबसे बड़े शत्रु आतंकवादियों पर भी शासन व प्रशासन अंकुश लगाने का बहुविधि प्रयास करेगी।
- आतकंवाद को नियंत्रित करने के लिये नये नये नियम निकाले जायेंगे
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- सही-गलत, दुर्जन-सज्जन, ईमानदार-बेईमान में भेद करते हुये दोषियों को दण्डित करने का सफल प्रयास किया जायेगा।
- इस पंचांग में यह भी इस बात का भी खुलासा किया गया है कि आश्विन मास (अक्टूबर-नवम्बर ) में सत्ता में काबिज लोगों में सत्ता के लिये संघर्ष का तीव्र स्वर भी उठेगा।
- जिससे जनता को परेशानियों का भी सामना करना पड़ेगा।
- अगहन मास (नवम्बर-दिसम्बर ) में भी देश के सम्मुख कुछ विषम परिस्थितियां पैदा हो सकती हैं।