एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि धर्म के नाम पर वोट मांगने को भ्रष्ट आचरण करार देने संबंधी सुप्रीम कोर्ट का फैसला हिंदुत्व को जीने का तरीका बताने के सुप्रीम कोर्ट के ही एक पूर्व फैसले से टकरा रहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने नहीं किया गौर :
- हाल ही में AIMAM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट के वोट मांगने वाले फैसले पर सवाल उठाया है.
- जिसके तहत कोर्ट का धर्म के नाम पर वोट ना मांगने वाला फैसला कोर्ट के दुसरे फैसले से टकरा रहा है.
- दरअसल हिंदुत्व को ‘जीने का तरीका’ संबंधी फैसला जस्टिस जेएस वर्मा ने 1995 में सुनाया था
- यह फैसला मनोहर जोशी के मामले में दिया गया था,
- परंतु सुप्रीम कोर्ट के नए फैसले में इस बात पर गौर नहीं किया गया है.
- जिसपर ओवैसी ने कहा कि कुछ लोग इसका फायदा उठाकर यह कह सकते हैं कि वे धर्म नहीं,
- बल्कि जीने के तरीके के आधार पर वोट मांग रहे हैं.
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