तबादला; यानी एक प्रक्रिया जो सतत चलती रहती है लेकिन अपने सेवा काल में किसी तबादले से कोई और इतना परेशान नहीं होगा जितना आईएएस अशोक खेमका परेशान हुए हैं. उनका 51वीं बार ट्रांसफर हुआ है. ट्रांसफर हालाँकि एक रूटीन प्रक्रिया मानी जाती है लेकिन अशोक खेमका के लिए कुछ भी रूटीन में नहीं होता है. आईएएस अशोक खेमका को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिकता विभाग से हटाकर खेल और युवा मामले विभाग का प्रिंसिपल सेकेट्ररी बनाया गया है. इस ट्रान्सफर ने अशोक खेमका के सब्र के बांध को तोड़ दिया है. उन्होंने इस ट्रांसफर की खबर के बाद एक ट्वीट किया.
IAS अफसर का हुआ भेजा फ्राई:
So much work planned. News of another transfer. Crash landing again. Vested interests win. Déjà vu. But this is temporary.
Will continue with renewed vigour and energy.— Ashok Khemka (@AshokKhemka_IAS) November 12, 2017
- उन्होंने कहा, अब तो उनको लगता है कि जैसे भेजा फ्राई हो गया हैउनका यह ट्रांसफर एक क्रैश लैंडिंग जैसा है क्योंकि उन्होंने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग में काफी प्लानिंग कर रखी थी कि तभी तबादले की खबर आ गई. खैर, नयी ऊर्जा के साथ काम जारी रहेगा.
- अशोक खेमका से हरियाणा सरकार का टकराव:
- अशोक खेमका ने कई गड़बड़ी और अनियमितताओं को उजागर करने का काम किया.
- इसी कारण हरियाणा सरकार की नजरों में आईएएस खेमका आये.
- भाजपा सरकार के कई मंत्रियों के साथ भी इनकी अनबन रही है.
- अनबन का कारण ये है कि आईएएस अधिकारी ने सुविधाओं के दुरूपयोग पर रोक लगाने का काम किया.
- सरकारी गाड़ी के दुरुपयोग के मामले में उन्होंनेमंत्री कृष्ण कुमार बेदी को खरी खोटी सुनाई थी.
- आईएएस खेमका ने 3.22 लाख लोगों की पेंशन बंद कर दी थी जिनके दस्तावेज मौजूद नहीं थे. इनमें से एक लाख लोगों की पेंशन आज तक बंद ही है.
- दिवाली के वक्त सीएम खट्टर के निजी स्टाफ को नकद के रूप में हजारों रूपये का तोहफा दिए जाने का विरोध करते हुए मुख्य सचिव को पत्र तक लिखा था.
- हालाँकि अबकी बार अनिल विज के साथ काम करने का मौका अशोक खेमका को मिलेगा.
- अशोक खेमका हरियाणा सरकार में हो रहे अपने तबादले से खासे परेशान नजर आ रहे हैं.