एक कहावत है कि ‘सपने वो देखते हैं जिनके सपनों में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता हौसलो से उड़ान होती है’। यह कहावत एक दम आजमगढ़ के जिलाधिकारी सुहास एलवाई पर सटीक बैठती है। सुहास अपने बेहरीन कामों की वजह पहचाने जाते हैं। सुहास ने चीन की राजधानी बीजिंग में खेली जा रही ‘पैराबैडमिंटन चैंपियनशिप’ के फाइनल में गोल्ड मेडल जीतकर न सिर्फ अपने देश का नाम ऊंचा किया है बल्कि यूपी सरकार का भी गौरव बढ़ाया है।
देश की दुआएं आईं काम
- बता दें क्वार्टर फाइनल मुकाबले में जीत दर्ज कर उन्होंने अपने जोड़ीदार उमेश विक्रम कुमार युगल वर्ग के सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की की थी।
- सेमीफाइनल में उनका रोमांटिक मुकाबला मुहम्मद हुजैरी अब्दुल मलिक और वाकरी उमर से हुआ।
- इस चैम्पियनशिप में देश के 26 खिलाडियों ने भाग लिया था।
- इसमें यूपी से मात्र दो खिलाड़ी सुहास एलवाई और अबु हुबैदा शामिल थे।
- इंडोनेशिया के खिलाफ खेले जाने वाले फाइनल में सुहास के लिए पूरे देश ने दुआएं दीं।
- लोगों की दुआएं उनके काम आईं और उन्होंने इतिहास रच भारत को गोल्ड दिलाया।
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