गत वर्ष 8 नवंबर से देश में नोटबंदी कर दी गयी थी, जिसके तहत बड़ी कीमत वाले 500 व 1000 के नोट बंद कर दिए गए थे. जिसके बाद पिछले वर्ष 31 दिसंबर को नोटबंदी के दौर को ख़त्म कर दिया गया था. परंतु जो ख़त्म नहीं हुआ वह है देश में कैश की किल्लत होना. हालाँकि इस दिशा में सरकार व भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं परंतु स्थिति सुधरती नज़र नहीं आ रही है. ऐसे में इंटरनेशनल मॉनेटरी फण्ड(IMF) द्वारा एक सुझाव दिया गया है. जिसके तहत कहा गया है कि पुरानी मुद्रा को एक बार फिर चलन में लाया जाए.
गाँवों में चलाई जाए पुरानी मुद्रा :
- IMF एक स्वतंत्र संगठन है जो विश्व के सभी देशों को मुद्रा से संबंधित संकटों को हल करने की सलाह देता है.
- यही नहीं यह संगठन देशों को खासकर के विकसित हो रहे व अविकसित देशों को आर्थिक सहायता भी पहुंचता है.
- इस संगठन ने भारत में हो रही कैश कि किल्लत पर एक सुझाव दिया है.
- जिसके तहत कहा है कि भारत को अपने गाँवों में टार्गेटेड तरीके से पुरानी मुदा का इस्तेमाल करना चाहिए.
- साथ ही मुद्रा निकासी में लगे सभी तरह के प्रतिबंधो को हटा लेना चाहिए.
- इसके अलावा IMF ने बताया कि नोटबंदी से देश कि अर्थव्यवस्था पर काफी असर पड़ा है.
- यही नहीं इस नकारात्मक प्रभाव के चलते इस वर्ष का पहला तिमाही हिस्सा इससे प्रभावित रह सकता है.
- आपको बता दें कि इससे पहले IMF द्वारा देश का विकास दर 6.6% नापा गया था.
- साथ ही यह अंदेशा लगाया गया था कि वर्ष 2017-18 में यह विकास दर बढ़कर 7.2% होने की संभावना है.
- जिसके बाद अब IMF द्वारा कैश की किल्लत को कम करने के लिए यह सुझाव दिए गए हैं.