समय समय पर वंशवाद की राजनीति का मुद्दा देश में उठता रह रहा है जबकि यह किसी के लिए भी इतनी बड़ी समस्या का मुद्दा नहीं होना चाहिए।
क्यों सिर्फ नेताओं और उनके परिवारों को इसका निशाना बनाया जाता है। यहाँ पारिवारिक व्यवसायों और व्यापारों के अनेकों उदाहरण हैं जैसे एक डॉक्टर जो अपना हॉस्पिटल चलाता है वह अपने पुत्रों और पुत्रियों से यह अपेक्षा रखता है की वह डॉक्टर बनकर उसके कार्य को और आगे बढाए, एक व्यापारी अपने पुत्र पुत्रियों से यह अपेक्षा रखता है, एक सरकारी कर्मचारी अपने पुत्र पुत्रियों को सरकारी नौकरी में देखना चाहता है, एक सैनिक अपने पुत्र पुत्रियों को सेना में देखना चाहता है। कृपया इसे व्यवहारिक रूप में देखें ना की भावनात्मक रूप में लेकर ज़बरदस्ती एक भड़काऊ मुद्दा बना लें। इसलिए यह कोई बड़ी बात नहीं की किसी परिवार में राजनीति एक व्यवसाय है। यदि एक बच्चे ने परिवार में राजनीति देखी, समझी और सीखी है, वह इसके लिए सक्षम है और अपनी इक्छा से राजनीति में आता है तो हममें से क्या किसी को भी ये अधिकार है की उसे रोकें?? हमने कई बड़े राजनीतिक परिवारों से कामयाब राजनीतिज्ञ आते हुए देखे हैं और कोई भी व्यक्ति राष्ट्र को दिए गए इनके योगदान को नकार नहीं सकता है। मैं जानबूझ कर कोई उदाहरण नहीं देना चाहता परन्तु यह सभी राजनीतिक पार्टियों में हैं इसलिए किसी एक का भी नाम लेना ठीक नहीं होगा। वैसे जहाँ इतनी बातें हैं यह सोचना गलत नहीं होगा की क्या कोई भी राजनीतिज्ञ राष्ट्र हित के बारे में सोचता या करता है ? देश को अच्छे राजनीतिज्ञों की ज़रुरत है जो राष्ट्रहित के लिए कार्य करके देश को उत्कृष्टता की ओर अग्रसर करें। वह किसी राजनीतिक पृष्ठभूमि से हैं या नहीं यह उनका मापदंड नहीं होना चाहिए यदि वह देश की उन्नति के लिए कार्य कर रहे हों। यह मुद्दा आत्मविश्वास रहित और असुरक्षित महसूस करने वाले लोगों द्वारा उठाया जाता है और इसकी वकालत भी इसी बिरादरी द्वारा की जाती है।
एक राष्ट्र जिसे भारत के बाद स्वतंत्रता मिली थी वह आज दुनिया के सबसे शक्तिशाली देशों में से एक है। और यहाँ हम जाति, वंश, धर्म और ना जाने किन-किन नामों पर लड़ मर रहे हैं क्योंकि यहाँ पर समझ का स्तर जेबों और मुँह के भरने तक सीमित हो गया है। इस सबसे ऊपर उठ कर अच्छे राजनीतिज्ञों का चयन करें जिससे राष्ट्र समृद्ध हो, हम सब समृद्ध और मज़बूत बनें। सही और गलत का चुनाव अपने दिमाग से करें बजाय इसके की सत्ता के दीवाने राजनेताओं से प्रभावित होकर अपने चयन को अप्रभावी कर दें।