भारत–अफगानिस्तान मिल कर रोकेंगे पाकिस्तान का पानी काबुल नदी पर बाँध बनने से इस पानी का इस्तेमाल स्थानीय इलाकों में सिंचाई और बिजली पैदा करने के लिए किया जा सकेगा । गौरतलब है कि काबुल नदीं का पानी बिना इस्तेमाल किये सीधा पाकिस्तान पहुंचता है । बाँध बनाने से काबुल का पानी अब सीधे पाकिस्तान नहीं जा पाएगा ।
काबुल नदी कि खूबियाँ कश्मीर की चेनाब नदीं से मिलती जुलती
- पाकिस्तान भारत के खिलाफ आतंकी हरकतों से बाज़ नही आ रहा है ।
- पाक को सबक सिखाने के लिए भारत ने अफगानिस्तान से हाथ मिलते हुए काबुल नदी पर बाँध बानाने का फैला किया है ।
- दोनों देश चेनाब नदी जैसे प्रोजेक्ट्स के जरिये इसे प्रोजेक्ट को मुमकिन बनाने का विकल्प तलाश कर रहे हैं।
- भारत की ज्यादा दिलचस्पी काबुल नदी में इसलिए भी बताई जारही है।
- क्योंकि इसकी खूबियां कश्मीर की चेनाब नदीं से मिलती जुलती हैं।
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- दोनों नदियों का बहाव 23 मिलियन एकड़ फुट का है।
- काबुल नदीं का पानी बिना कहीं रुके या इस्तेमाल किए ही सीधे पाकिस्तान पहुंचता है।
- उरी हमले के बाद भारत ने चेनाब नदी पर चलने वाले तीन प्रोजेक्ट्स को पास कर दिया है।
- इससे पहले सिंधु नदी समझौते का हवाला देकर पाकिस्तान इस पर विरोध दर्ज कर रहा था।
- अफगानिस्तान की मुख्य नदियों काबुल, कुन्नार और चित्रल के पाकिस्तान जाने का मुद्दा कुछ अंतरराष्ट्रीय नियमों में बंधा हुआ है।