वायुसेना आईएएफ के एसयु-30 एमकेआई पर भारत और रूस के बीच दो समझौते हुए. विमान की तकनीकी क्षमता में सुधार और विमान के रखरखाव के लिए ये समझौते हुए हैं. पांच सालों तक ये समझौते वैध्य होंगें.
तकनीकी सहायता की आपूर्ति
- हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड एचएएल और पीजेएससी यूनाइटेड
- एयरक्राफ्ट कॉरपोरेशन ऑफ रूस के बीच ये समजौते हुए हैं.
- ये पहला समझौता प्लेन के रखरखाव के लिए होगा.
- दूसरा समझौता एचएएल ओर जेएससी यूनाइटेड इंजन कॉरपोरेशन के मध्य
- रूस द्वारा बनाये गए इंजन का निर्यात पर हुआ है.
- अर्कुट कॉरपोरेशन के 230 एसयू-30 एमकेआई भारत में मौजूद हैं.
- जनवरी 2017 में रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने इस सन्दर्भ में सुधार की बात की थी.
- मौजूदा सेवा योग्यता साठ प्रतिशत पहुँच गयी है.
- इससे पहले भारत और वियतनाम के बीच फाइटर्स पायलट को
ट्रेनिंग पर भी हुआ समझौता
- ट्रेनिंग देने पर समझौता हुआ था. उस समय के रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर ने
- इन समझौतों पर चर्चा की थी.
- फाइटर पायलट्स को ट्रेनिंग देने का समझौता साल 2013 में हुआ था
- लेकिन कई तकनीकी कारणों की वजह से समझौता फाइनल नहीं हो पाया.
- अगले साल से वियतनाम से पायल्ट्स भारत आयेंगें.
- भारत के एयरफ़ोर्स पायलट्स इनको ट्रेनिंग देंगे.
- ये ट्रेनिंग समझौते के अंदर आती है.
- पिछले साल प्रधानमन्त्री मोदी ने वियतनाम जाकर दोनों देशों के
- मध्य कई आधारों विकास कार्यों पर बात की थी.
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