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जैसा की सब जानते हैं हर इंसान को हमेशा यही सिखाया जाता है कि बुराई पर अच्छाई की जीत होती है और हम हमेशा उन नायकों को ही पूजते हैं जिन्हें पुराणों के अनुसार अच्छाई का मार्गदर्शक माना गया है. परंतु क्या आपने कभी सोचा है कि कोई भी व्यक्ति अच्छा और बुरा कैसे बनता है ? किसी भी इंसान की अच्छाई या बुराई उनके द्वारा किये गये कर्मो के हिसाब से निर्धारित की जाती है. परंतु इसका मतलब यह नही है कि किसी अच्छे इंसान के अंदर बुराई नही होती या किसी बुरे व्यक्ति के अंदर अच्छाई नही होती.
हमारे देश में कर्मो को बहुत महत्व दिया गया है जिसके चलते देश में कई देवी-देवता पूजे जाते हैं. परंतु पौराणिक कथाओं के कुछ ऐसे किरदार जिन्हें हम खलनायक के रूप में जानते हैं भी हमारे देश में पूजनीय स्थान रखते हैं. ऐसा केवल इसलिए क्योंकि उनके कुछ कर्म हमेशा सात्विक रहे हैं. इसी तर्ज़ पर देश में कई खलनायकों के मंदिर मौजूद हैं जो आपकी सोच से बिलकुल परे हैं.
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शकुनी का मंदिर (केरल)
- केरल राज्य के कोल्लम जिले में स्थित यह मंदिर शकुनी के सात्विक कर्मो पर रौशनी डालता है.
- जैसा की सब जानते हैं शकुनी एक बेहद चालाक व्यक्ति था.
- कौरवों के इस मामा ने हमेशा से यही चाहा कि हर तरह हस्तिनापुर का सिघासन दुर्योधन को मिले.
- परंतु सनातन धर्म के अनुसार शकुनी में कुछ सात्विक गुण भी थे जिस कारण उन्हें पूजा जाता है.
- वैसे तो यहाँ रोज़ पूजा का नियम नहीं है परंतु लोग यहाँ हमेशा चढ़ावा चढ़ाते हैं.
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दुर्योधन का मंदिर (केरल)
- कोल्लम में ही स्थित मलानंद मंदिर पूरी तरह से दुर्योधन को समर्पित है.
- सनातन धर्म के अनुसार शकुनी की ही तरह दुर्योधन में भी कुछ सात्विक गुण थे.
- माना जाता है कि दुर्योधन अपनी माँ की किसी भी आज्ञा की अवज्ञा नहीं करते थे.
- इसके अलावा उन्होंने हमेशा अपने भाइयों के आगे एक कवच का काम किया है.
- कोल्लम में इस मंदिर में ताड़ी नामक देसी शराब का भोग लगता है.
- इसके अलावा सुपारी, मुर्गे का अर्क व लाल कपड़ा चढ़ाया जाता है.
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रावण का मंदिर (आंध्रप्रदेश)
- आंध्रप्रदेश के काकीनाडा गाँव के समुद्री तट पर स्थित यह मंदिर रामायण के किरदार रावण का है.
- माना जाता है की यह जगह रावण ने शिव मंदिर बनाने के लिए खुद चुनी थी.
- देव ब्राह्मण जो खुद को रावण का वंशज मानते हैं इस मंदिर में रावण की पूजा करते हैं.
- इनके अनुसार रावण तीनों लोकों के स्वामी हैं और एक अलौकिक अभिव्यक्ति हैं.
- इसके अलावा देश के कई राज्यों में रावण के मंदिर स्थित हैं.
- जिसमे से यूपी का कानपुर और बिसरख, एमपी का विदिशा और मंडसौर और राजस्थान का मंडोर शामिल है.
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कर्ण का मंदिर (उत्तराखंड)
- उत्तरकाशी के डोरा में स्थित यह मंदिर कर्ण की अच्छाइयों को दर्शाता है.
- वैसे तो सभी जानते हैं कि कर्ण को दानवीर के नाम से जाना जाता है.
- यही नही कर्ण जैसी मित्रता निभाना भी हर किसी के लिए संभव नहीं है.
- ऐसा इसलिए क्योकि उन्होंने सिर्फ अपनी मित्रता निभाने हेतु पांडवों के खिलाफ युद्ध किया था.
- यह मंदिर देश के अन्य मंदिरों से ज़रा भिन्न है क्योकि इसकी वास्तुकला कुछ हटकर है.
- स्थानीय लोगों के अनुसार यहाँ अपनी मन्नत पूरी होने पर मंदिर की दीवारों पर सिक्के फेंके जाते हैं.
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गांधारी मंदिर (मैसूर)
- मैसूर में स्थित गांधारी मंदिर कोई पुराना मंदिर नहीं है परंतु 2008 में बना है.
- यह मंदिर करीब 2.5 करोड़ की लागत के साथ एक समुदाय द्वारा बनाया गया है.
- इस समुदाय के अनुसार गांधारी एक पतिव्रता स्त्री थी और एक बहुत ही अच्छी माँ भी थीं.
- उनके इन्ही गुणों के कारण यह समुदाय इस मंदिर का निर्माण करने पर मजबूर हो गये.
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