वित्त वर्ष 2016-17 में भारत की विकास दर केवल 6.1 फीसदी रही। उम्मीद थी कि इस वित्त वर्ष में देश की जीडीपी 7 फीसदी से ऊपर की ग्रोथ दर्ज करने में सफल होगी। इसके साथ ही भारत से एक झटके में ही दुनिया की सबसे तेज भागने वाली अर्थव्यवस्था का टैग छिन गया है।
वित्त वर्ष के आखिरी तिमाही ने गायब हुई देश की अर्थव्यवस्था-
- देश की रफ़्तार नोटबंदी के वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही में गायब हो गई है।
- इसके साथ ही भारत से दुनिया के सबसे तेज़ भागने वाली अर्थव्यवस्था का टैग छिन गया है।
- सर्कार को उम्मीद थी कि इस वित्त वर्ष में देश की जीडीपी 7 फीसदी से अधिक ग्रोथ दर्ज करा लेगी।
- लेकिन अब सरकार की उम्मीदों पर पानी फिर गया है।
- वित्त वर्ष 2016-17 में भारत की विकास दर केवल 6.1 फीसदी रही।
- आर्थिक मामलों के जानकारों की माने तो ये आंकड़े और भी बुरा हो सकते थे।
- लेकिन जीडीपी की गणना में भारत के छोटे व्यवसायों और असंगठित क्षेत्रों के आंकड़े शामिल नहीं किए जाते हैं।
- इसके साथ ही भारत एक बार फिर से सुस्त जीडीपी वाले देशों की श्रेणी में शुमार हो गया है।
- जीडीपी आंकड़ों के अनुसार भारत की आर्थिक रफ़्तार को नोटबंदी ने एक बार फिर दिसंबर 2014 की तिमाही के स्तर पर पहुंचा दिया है जब जीडीपी रफ्तार महज 6.0 फीसदी थी।
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