हाल ही में भारत ने अपनी सैन्य क्षमता को अत्याधुनिक बनाने की कवायद के चलते रक्षा व्यय के मामले में दुनिया के पांच सबसे ज़्यादा खर्च करने वाले देशों में जगह बना ली है.
रूस व सऊदी अरब को पछाड़कर हासिल किया चौथा स्थान :
- हाल ही में मीडिया में प्रकाशित ख़बरों में IHS जेन की वार्षिक रक्षा बजट रिपोर्ट के हवाले से खबर आ रही है.
- जिसके तहत इस बार भारत ने सबसे ज़्यादा रक्षा व्यय के मामले में चौथा स्थान हासिल कर लिया है
- बताया जा रहा है की भारत ने रूस और सऊदी अरब जैसे देशों को पछाड़कर यह स्थान हांसिल किया है
- जबकि शीर्ष पर 622 अरब अमेरिकी डॉलर के खर्च के साथ अब भी अमेरिका ही है.
- इस सूची में दुनिया में दूसरे नंबर पर भारत का पड़ोसी देश चीन है
- जबकि तीसरे स्थान पर ब्रिटेन मौजूद है.
- इसके अलावा रिपोर्ट का एक अहम पहलू भी सामने आ रहा है
- जिसके अनुसार वर्ष 2018 में ब्रिटेन को पछाड़ते हुए भारत सूची में तीसरे स्थान पर पहुंच जाएगा.
- 105 देशों भविष्यवाणी करने वाली इस रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका के अतिरिक्त समूचे यूरोप,
- इसके साथ ही चीन समेत सारी दुनिया में उभरते विवादों
- इसके अलावा अस्थिरता के दौर की वजह से अगले दशक के दौरान रक्षा व्यय में बढ़ोतरी होगी.
- IHS जेन की प्रधान विश्लेषक फेनेला मैकगर्टी के अनुसार वर्ष 2016 के दौरान रक्षा व्यय फिर काफी अच्छी दर से बढ़ा है
- जिसके बाद उम्मीद की जा सकती है कि पूरे दशक में रक्षा व्यय बढ़ता रहेगा.
- बीते दिनों IHS जेन की वार्षिक रक्षा बजट रिपोर्ट जारी की गई
- जिसके अनुसार, वर्ष 2010 के बाद पहली बार नाटो के रक्षा व्यय में भी बढ़ोतरी हुई है
- ऐसा इसलिए क्योकि उन्हें ISIS व रूस की ओर से पेश होने वाले खतरे का सामना करना पड़ सकता है.
- रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2016 के दौरान वैश्विक रक्षा व्यय कुल एक फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 16 खरब अमेरिकी डॉलर पर पहुंच गया है
- जबकि वर्ष 2015 में इसमें 0.6 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी.